हाल ही में सिद्धार्थ शुक्ला, केके और शेफाली जरीवाला जैसे फिट और जवान सेलेब्स की अचानक मौत ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि हार्ट अटैक अब सिर्फ बुजुर्गों को नहीं होता। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हार्ट अटैक (heart attack) अचानक नहीं आता। आपका शरीर इसके पहले आपको लगभग एक हफ्ते पहले चेतावनी देने लगता है।
हार्ट अटैक तब होता है जब दिल को रक्त पहुंचाने वाली कोरोनरी आर्टरी ब्लॉक हो जाती है। इस ब्लॉकेज के कारण दिल तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती, जिससे हार्ट मसल्स डैमेज होने लगते हैं और इसी कारण हार्ट अटैक आता है।
मेडिकल रिसर्च के अनुसार, 41% हार्ट अटैक के मरीजों ने अटैक से पहले कुछ संकेत महसूस किए थे। इन संकेतों को मेडिकल भाषा में ‘प्रोड्रोमल सिम्पटम्स’ कहते हैं। अगर इन संकेतों को समय रहते पहचान लिया जाए, तो जान बच सकती है!
सीने में दबाव या दर्द: ऐसा महसूस होना जैसे कोई भारी चीज़ चेस्ट पर रखी हो। दर्द बाएं हाथ, कंधे या जबड़े तक जा सकता है। यह दर्द कभी आता है, कभी जाता है, और इसी कारण लोग इसे इग्नोर कर देते हैं।
सांस फूलना: सीढ़ी चढ़ते या हल्का चलने में भी सांस उखड़ जाना। बिना किसी कारण, लगातार सांस में दिक्कत होना। लोग इसे सीने की इंफेक्शन समझ सकते हैं।
अचानक और लगातार थकान: पूरी नींद लेने के बाद भी थकावट। हर समय ऊर्जा की कमी महसूस होना। काम करने का मन न करना। यह संकेत है कि दिल सही से काम नहीं कर रहा है।
दिल की धड़कन का तेज़ होना: दिल का रुक-रुक कर या ज़ोर से धड़कना। बिना एक्सरसाइज किए भी दिल की धड़कन महसूस होना।
ठंडा पसीना आना: बिना गर्मी या शारीरिक मेहनत के ठंडे पसीने आना। खासकर रात में ऐसा होने पर सतर्क हो जाएं।
बदहजमी या गैस जैसा फील होना: सीने में जलन, मतली या उल्टी जैसा लगना। लोग इसे पेट की समस्या समझकर इग्नोर कर सकते हैं, लेकिन यह हार्ट अटैक का एक साइलेंट सिग्नल हो सकता है।
चक्कर आना या नींद न आना: बार-बार नींद से जाग जाना। रात में बेचैनी और घबराहट होना। ऐसा महसूस होना कि कुछ गलत होने वाला है।
एंग्जायटी और डर लगना: बिना वजह घबराहट और अचानक अंदर से डर महसूस होना। यह आपके दिल की SOS कॉल हो सकती है, खासकर महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण अलग हो सकते हैं।
महिलाओं में सीने में दर्द के बजाय ये लक्षण अधिक आम होते हैं:
अत्यधिक थकान
पेट में दर्द या उल्टी
अनजानी घबराहट या डिप्रेशन
हर मिनट कीमती है। जितना ज्यादा देर करेंगे, उतना दिल के मसल्स डैमेज होंगे। सिद्धार्थ शुक्ला और केके जैसे केस यही सिखाते हैं कि लक्षणों को हल्के में लेना मौत को दावत देना है।
पैनिक ना करें लेकिन इन लक्षणों को बिल्कुल भी इग्नोर ना करें। तुरंत किसी करीबी को बताएं और अकेले न रहें। डॉक्टर से मिलें, ECG और टेस्ट करवाएं। अगर जरूरत हो तो एंबुलेंस बुलाएं, क्योंकि रास्ते में भी इलाज शुरू हो सकता है।