भोपाल – पूर्व बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Pragya Singh Thakur) एक बार फिर अपने बयानों को लेकर विवादों में हैं। शनिवार को एक कार्यक्रम में साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि अगर किसी बेटी की सोच बदलकर वह “विधर्मी” के साथ जाने लगे और माता‑पिता की न माने तो उसकी टाँगें तोड़ देने में भी पीछे नहीं हटना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बेटियों को शुरू से संस्कार सिखाने चाहिए, और जब वे “बातों से नहीं मानतीं” तो माता‑पिता को उन्हें “ताड़ना” यानी सख्ती से समझाना चाहिए। साध्वी प्रज्ञा ने यह भी कहा, “अगर अपनी संतान के भले के लिए मारना‑पीटना भी पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए।”
प्रज्ञा ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि जब कोई बेटी जन्म लेती है तो माता‑पिता उसे लक्ष्मी और सरस्वती का रूप मानते हैं, लेकिन अगर वही बेटी बड़ी होकर “विधर्मी बनने” की सोचती है तो उसे रोकना जरूरी है। उन्होंने लोगों से कहा कि ऐसी लड़कियों पर नजर रखो, अगर वे संस्कारों को नहीं मानतीं और घर से भागने की सोचती हैं तो उन्हें रोकने के लिए “प्यार से, समझाकर, डांटकर या जरूरत पड़े तो सजा देकर” हर कदम उठाओ।
उनके इस बयान ने सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक तेज प्रतिक्रिया और आलोचना खड़ी कर दी है।