मध्य प्रदेश में सिंधिया और उनके समर्थकों की घेरने की कोशिश में कांग्रेस

राज्य में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार गिराए जाने के घटनाक्रम को पार्टी के नेता अब भी नहीं भूल पाए हैं और यही कारण है कि सिंधिया को घेरने के लिए राज्य के नेता सबसे ज्यादा मशक्कत कर रहे हैं।

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  • Publish Date - October 18, 2023 / 04:40 PM IST

भोपाल, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और उनके समर्थक उम्मीदवारों को घेरने में सबसे ज्यादा दिलचस्पी है और यही कारण है कि पार्टी की ओर से ताकतवर उम्मीदवारों पर दांव लगाया जा रहा है। यह अलग बात है कि विधायक केपी सिंह को पिछोर की बजाय शिवपुरी से उम्मीदवार बनाकर पार्टी ही उलझन में फंस गई है।

राज्य में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार गिराए जाने के घटनाक्रम को पार्टी के नेता अब भी नहीं भूल पाए हैं और यही कारण है कि सिंधिया को घेरने के लिए राज्य के नेता सबसे ज्यादा मशक्कत कर रहे हैं।

भाजपा ने सात सांसदों सहित तमाम दिग्गजों को विधानसभा चुनाव में मैदान में उतार रखा है तो संभावना इस बात की भी जताई जा रही है कि सिंधिया को पार्टी शिवपुरी से उम्मीदवार बना सकती है, लिहाजा इस इलाके के कांग्रेस के सबसे प्रभावशाली नेता और पिछोर से विधायक केपी सिंह को पार्टी ने शिवपुरी से पहले ही उम्मीदवार घोषित कर दिया है ताकि सिंधिया के रास्ते को रोका जा सके।

कांग्रेस ने सिंधिया को रोकने की रणनीति के तहत सिंह को उम्मीदवार बनाया तो सियासी हल्कों में हलचल मच गई और कहा तो यहां तक जा रहा है कि केपी सिंह खुद शिवपुरी से चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। इसी मामले को लेकर कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच भी दूरियां बढ़ने की खबर आ रही है।

कमलनाथ का एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के दावेदार वीरेंद्र रघुवंशी के समर्थकों से दिग्विजय सिंह और उनके पुत्र जयवर्धन के कपड़े तक फाड़ने की बात कह दी।

एक तरफ जहां कांग्रेस सिंधिया का रास्ता रोकने की कोशिश कर रही है तो वही पार्टी ने सिंधिया समर्थक सांवेर के उम्मीदवार तुलसीराम सिलावट, सुरखी से उम्मीदवार गोविंद सिंह राजपूत की खिलाफ दमदार उम्मीदवार उतार दिए हैं, तो वहीं सिंधिया के अन्य समर्थकों के खिलाफ भी ताकतवर उम्मीदवार उतारे जाने की तैयारी चल रही है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस के निशाने पर सबसे पहले सिंधिया हैं और यही कारण है कि ग्वालियर-चंबल इलाके पर कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं की पहली नजर है और वह इस इलाके में हर हाल में सिंधिया का प्रभाव कम करना चाहते हैं और इसके लिए वे सिंधिया और उनके समर्थकों के खिलाफ मजबूत जन आधार के नेता तलाश रहे हैं।

ग्वालियर-चंबल के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी जो सिंधिया समर्थक हैं उनकी राह कठिन बनाने की कोशिश में कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ रही है।