अहमदाबाद विमान हादसा: सिर्फ एक यात्री बचा, 241 की मौत; पूर्व CM विजय रूपाणी का भी निधन

By : dineshakula, Last Updated : June 12, 2025 | 11:51 pm

अहमदाबाद: गुरुवार दोपहर अहमदाबाद में एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान क्रैश हो गया। इस विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 12 क्रू मेंबर्स भी शामिल थे। अब तक की जानकारी के अनुसार, हादसे में सिर्फ एक यात्री जिंदा बचे हैं, जबकि बाकी 241 लोगों की मौत हो चुकी है।

इस हादसे में भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वास कुमार, जो सीट नंबर 11-A पर बैठे थे, चमत्कारिक रूप से बच गए हैं। उनका एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें वे अपने अनुभव साझा करते नजर आ रहे हैं। हालांकि शुरू में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में एक अन्य घायल की बात कही गई थी, लेकिन बाद में AP और ANI ने पुष्टि की कि 241 यात्रियों की मौत हो चुकी है।

AI-171 अहमदाबाद से लंदन जा रही थी

एअर इंडिया की उड़ान संख्या AI-171 अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। विमान में कुल 230 यात्री थे, जिनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे। इनमें 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे और 2 नवजात शामिल थे। इसके अलावा 12 क्रू मेंबर्स भी विमान में मौजूद थे।

पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का निधन

हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी निधन हो गया है। यह जानकारी भाजपा के राज्यसभा सांसद परिमल नाथवानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दी, हालांकि कुछ समय बाद उन्होंने अपनी पोस्ट डिलीट कर दी।

डॉक्टर्स की बिल्डिंग से टकराया विमान

हादसे के समय विमान अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर्स की रिहायशी बिल्डिंग से टकरा गया। वहां लगभग 50-60 डॉक्टर मौजूद थे, जिनमें से 15 से ज्यादा घायल हो गए हैं।

शवों की पहचान में कठिनाई, DNA टेस्ट से होगी पुष्टि

हादसे में मारे गए लोगों के शव बुरी तरह जल चुके हैं, जिससे उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि सभी शवों की पहचान DNA टेस्ट के माध्यम से की जाएगी। मृतकों के परिजनों और शवों से सैंपल लेकर 1000 से अधिक DNA परीक्षण किए जाएंगे।

विमान में उड़ान भरते ही लगी आग: बोइंग 787-8 की सेफ्टी पर सवाल

बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर को ईंधन की बचत और आरामदायक यात्रा के लिए जाना जाता है, लेकिन इसकी सुरक्षा को लेकर पहले भी कई बार सवाल उठ चुके हैं। बैटरी से लेकर बनावट तक कई तकनीकी खामियों के चलते अतीत में इसकी उड़ानों पर 3 महीने की रोक भी लगाई गई थी।