नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जमीन हड़पने के एक मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) को 24 अगस्त को पेश होने के लिए बुलाया है। इससे पहले, सोरेन को 14 अगस्त को जांच में शामिल होने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने एजेंसी से और समय मांगा। इससे पहले अवैध खनन मामले में मुख्यमंत्री से ईडी के रांची कार्यालय में उनकी पत्नी समेत करीब 10 घंटे तक पूछताछ की गयी थी।
जमीन कब्जा मामले में ईडी ने एक आईएएस अधिकारी समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। 8 जुलाई को सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के आवास पर छापेमारी की गयी थी। ईडी को मुख्यमंत्री के बैंक खाते से जुड़ा एक चेकबुक मिला, इसके बाद उनका नाम इस मामले से जुड़ गया। मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मामले में एक आश्चर्यजनक पहलू यह है कि आरोपियों ने लोगों की जमीनों को गलत तरीके से जब्त करने के लिए 1932 के दस्तावेजों का इस्तेमाल किया और पीड़ितों को बताया कि उनकी जमीनें उनके पिता या दादाओं द्वारा पहले ही बेची जा चुकी हैं। आरोपियों ने सेना को पट्टे पर दी गई जमीनों पर धोखे से कब्जा कर लिया और धोखाधड़ी से उन्हें अन्यत्र बेच भी दिया।
जांच एजेंसी ने इनके पास से बड़ी संख्या में फर्जी बैनामे जब्त किए हैं। जब ईडी ने जब्त किए गए दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच कराई तो पता चला कि सभी दस्तावेज फर्जी थे। जिन जिलों के नाम आजादी से पहले अस्तित्व में नहीं थे, उनका उल्लेख आजादी से पहले के दस्तावेजों के साथ किया गया था और 1970 के दशक के पिन कोड का इस्तेमाल पुराने दस्तावेजों में किया गया था। उन पर आईएएस अधिकारी छवि रंजन की मदद करने के आरोप लगे और इसके चलते ईडी ने उन पर छापेमारी की और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
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