भारतीय शेयर बाजार में सपाट कारोबार, आईटी स्टॉक्स में तेजी

आईटी, एफएमसीजी, मेटल, इन्फ्रा, रियल्टी और कमोडिटी इंडेक्स में हरे निशान में कारोबार हो रहा है। ऑटो, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा और मीडिया में दबाव देखा जा रहा है।

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  • Publish Date - January 24, 2025 / 12:15 PM IST

मुंबई, 24 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय शेयर बाजार (Indian share market) शुक्रवार के कारोबारी सत्र में सपाट खुला। बाजार के सभी सूचकांकों में एक सीमित दायरे में कारोबार हो रहा है। सुबह 9:44 पर सेंसेक्स 86 अंक या 0.11 प्रतिशत की बढ़त के साथ 76,606 और निफ्टी 24 अंक या 0.10 प्रतिशत की तेजी के साथ 23,231 पर था।

बाजार में मिलाजुला कारोबार हो रहा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 839 शेयर हरे निशान में और 825 शेयर लाल निशान में था।

लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में बिकवाली देखी जा रही है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 282 अंक या 0.52 प्रतिशत की गिरावट के साथ 53,816 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 177 अंक या 1.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,187 पर था।

आईटी, एफएमसीजी, मेटल, इन्फ्रा, रियल्टी और कमोडिटी इंडेक्स में हरे निशान में कारोबार हो रहा है। ऑटो, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा और मीडिया में दबाव देखा जा रहा है।

सेंसेक्स पैक में पावर ग्रिड, एचयूएल, इन्फोसिस, टाटा स्टील, एनटीपीसी, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, टेक महिंद्रा और आईटीसी टॉप गेनर्स थे। जोमैटो, टाटा मोटर्स, इंडसइंड बैंक, एमएंडएम, कोटक महिंद्रा और सन फार्मा टॉप लूजर्स थे।

बाजार के जानकारों का कहना है कि निफ्टी के लिए 23,100 और 23,000 एक मजबूत सपोर्ट स्तर है। तेजी की स्थिति में 23,300, 23,400 और 23,500 एक रुकावट का स्तर है।

एशिया के ज्यादातर बाजारों में तेजी का रुझान बना हुआ है। शंघाई, हांगकांग, बैंकॉक और सियोल में बढ़त के साथ कारोबार हो रहा है। जकार्ता और टोक्यो हल्के लाल निशान में हैं।

कच्चे तेल में लाल निशान के साथ कारोबार हो रहा है। डब्ल्यूटीआई क्रूड 0.11 प्रतिशत गिरकर 74.54 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 0.09 प्रतिशत गिरकर 78.22 डॉलर प्रति बैरल पर है।

भारतीय शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार पिछले 15 दिनों से बिकवाली कर रहे हैं। गुरुवार के कारोबारी सत्र में विदेशी निवेशकों ने 5,462.52 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। इस दौरान घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 3,712 करोड़ रुपये की खरीदारी की थी।