नई दिल्ली, 2 दिसम्बर (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केरल उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें 1994 के इसरो जासूसी मामले में वैज्ञानिक नंबी नारायणन को फंसाने से जुड़े मामले में पुलिस और खुफिया ब्यूरो के पूर्व अधिकारियों को अग्रिम जमानत दी गई थी। न्यायमूर्ति एम.आर. शाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सभी अपीलों की अनुमति दी जाती है, विवादित निर्णयों को रद्द किया जाता है और अलग रखा जाता है।
पीठ ने आगे कहा कि सभी अग्रिम जमानत आवेदनों को कानून के अनुसार और फैसले में की गई टिप्पणियों के आलोक में नए सिरे से तय करने के लिए उच्च न्यायालय को भेज दिया गया है।
पीठ ने कहा कि उसने मामले के गुण-दोष पर भी नहीं देखा है और केस में उच्च न्यायालय को आदेश पारित करना है।
हम उच्च न्यायालय से अनुरोध करते हैं कि वह हमारे आदेश की प्रति प्राप्त होने के चार सप्ताह के भीतर अग्रिम जमानत याचिकाओं पर अंतिम रूप से फैसला करे ।
शीर्ष अदालत ने अभियुक्तों को पांच सप्ताह की अवधि के लिए गिरफ्तारी से सुरक्षा भी प्रदान की।
गौरतलब है कि नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई द्वारा दायर उन दो याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें केरल उच्च न्यायालय ने पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यूज, पी.एस. जयप्रकाश व अन्य को अग्रिम जमानत प्रदान की थी।