जोधपुर, राजस्थान: राजस्थान के जोधपुर (Jodhpur) में दिवाली से ठीक पहले हुआ बस हादसा कई परिवारों के लिए कभी न भूलने वाला दर्द बन गया है। जैसलमेर से जोधपुर जा रही एसी स्लीपर बस में लगी भीषण आग में 20 यात्रियों की मौत हो गई। इनमें से एक जितेश चौहान भी थे, जो अपने परिवार से दिवाली पर मिलने घर लौट रहे थे। उनकी आंखों में अपने बच्चों और पत्नी से मिलने की खुशी थी, लेकिन यह सफर उनका आखिरी सफर बन गया।
बस में बैठने से कुछ मिनट पहले जितेश ने अपनी पत्नी को फोन किया था। बातचीत में उन्होंने सिर्फ इतना कहा था, “बस में बैठ गया हूं…” यह साधारण कॉल अब उनके परिवार के लिए जिंदगी भर का दर्द बन गई है।
जब टीवी पर हादसे की खबर चली तो जितेश की पत्नी के होश उड़ गए। उन्होंने लगातार फोन मिलाया, लेकिन दूसरी तरफ से कोई जवाब नहीं आया। उम्मीदें रिंगटोन के साथ बुझती रहीं। पुलिस से सूचना मिलने के बाद परिवार अस्पताल पहुंचा, लेकिन जितेश का कोई अता-पता नहीं था। फिर पता चला कि उनका शव हादसे में बुरी तरह जल गया है। पहचान अब सिर्फ डीएनए टेस्ट से ही संभव होगी।
परिवार का कहना है कि जितेश उनके सहारे थे। अब दिवाली की तैयारियां मातम में बदल गई हैं। उनके भाई गजेश चौहान ने कहा कि पूरा परिवार टूट चुका है। अब बस लैब रिपोर्ट का इंतजार है ताकि अंतिम संस्कार हो सके।
मंगलवार को जैसलमेर से जोधपुर जा रही इस बस में शॉर्ट सर्किट से आग लगी। आग इतनी तेज थी कि लोगों को बाहर निकलने का मौका भी नहीं मिला। 20 लोग जिंदा जल गए और 15 यात्री झुलस गए जिनका इलाज जोधपुर के अस्पतालों में चल रहा है। कई शवों की हालत ऐसी है कि पहचान के लिए डीएनए जांच की जा रही है।
यह हादसा सिर्फ जिंदगियां नहीं ले गया, बल्कि पीछे छोड़ गया अधूरे सपने, टूटा हुआ परिवार और दिवाली से पहले एक गहरा सन्नाटा।