झारखंड में गर्भवती महिला को बाढ़ में खाट पर ले जाना पड़ा, एंबुलेंस नहीं आई

परिवार के सदस्य रविकांत कुमार ने बताया, “हमने कम से कम पांच अलग-अलग मोबाइल नंबरों से एंबुलेंस के लिए कॉल किए, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला।

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  • Publish Date - September 17, 2025 / 01:43 PM IST

पलामू जिला, झारखंड: झारखंड के पलामू जिले के राजखड़ गांव की एक 20 वर्षीय गर्भवती महिला (pregnant woman) को सोमवार शाम खाट पर उठाकर बाढ़ में डूबे धुरिया नदी को पार कर अस्पताल ले जाना पड़ा। परिवार का कहना है कि बार-बार एंबुलेंस के लिए कॉल करने के बावजूद कोई मदद नहीं मिली, जिससे मजबूर होकर उन्हें यह जोखिम भरा कदम उठाना पड़ा।

घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि छह लोग खाट को कंधे पर उठाए हुए उफनती नदी के तेज बहाव में चल रहे हैं, और उस पर गर्भवती महिला लेटी हुई है। यह महिला चंपा कुमारी है, जिसे सोमवार शाम को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई थी।

परिवार के सदस्य रविकांत कुमार ने बताया, “हमने कम से कम पांच अलग-अलग मोबाइल नंबरों से एंबुलेंस के लिए कॉल किए, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। सिविल सर्जन ऑफिस और नजदीकी अस्पताल में भी फोन नहीं लग पाया। यहां तक कि बिश्रामपुर थाना प्रभारी को भी कॉल किया, लेकिन उन्होंने भी फोन नहीं उठाया।”

जब कोई मदद नहीं मिली, तब गांववालों ने चंपा को खाट पर लिटाया और लगभग 300 मीटर गहरे पानी में चलकर नदी पार की। इसके बाद करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर उन्हें एक निजी वाहन मिला, जिससे वे 22 किलोमीटर दूर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे।

अस्पताल पहुंचने पर यह देख कर परिवार को और अधिक झटका लगा कि वहां दो एंबुलेंस पहले से खड़ी थीं। हालांकि, डॉक्टरों ने जानकारी दी कि महिला और नवजात दोनों सुरक्षित हैं और इलाज के बाद ठीक हैं।

इस घटना ने झारखंड में ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति और आपात स्थितियों में सरकारी तंत्र की लापरवाही को उजागर कर दिया है।