प्रदर्शनकारी किसानों ने शंभू सीमा पर लगे बैरिकेड्स को हटाकर क्षतिग्रस्त किया

पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों (Protesting farmers) को रोकने के लिए शंभू सीमा पर मल्टी-लेयर बैरिकेड्स लगाए।

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  • Updated On - February 13, 2024 / 11:06 PM IST

चंडीगढ़, 13 फरवरी (आईएएनएस)। पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों (Protesting farmers) को रोकने के लिए शंभू सीमा पर मल्टी-लेयर बैरिकेड्स लगाए। किसानों ने मंगलवार को इन बैरिकेड्स को ट्रैक्टरों से हटाकर क्षतिग्रस्त कर दिया। किसान पंजाब से हरियाणा में प्रवेश करने और राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने के लिए शंभू सीमा पार (Shambhu border crossing) करने को लेकर बैरिकेड तोड़ने की कोशिश कर रहे थे।

किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने और कृषि ऋण माफ करने समेत अन्य मांगों को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है। पुलिस के साथ टकराव तब शुरू हुआ जब किसानों ने ट्रैक्टरों और टायर-किलर स्पाइक्स को हटाने के लिए बहुस्तरीय बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश की।

प्रदर्शनकारियों को पुलिस बंदोबस्त का उल्लंघन करने से रोकने के लिए ड्रोन के जरिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन किसानों को जबरन बैरिकेड तोड़ने की कोशिश करते देखा गया।

  • किसानों ने हाईवे के किनारे खेतों के माध्यम से हरियाणा में प्रवेश करने की भी कोशिश की और पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में ले लिया। इसी तरह, किसानों ने संगरूर के मूनक में हरियाणा-पंजाब सीमा पर बैरियर तोड़ दिए।
  • किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि शंभू सीमा पर लगभग 10,000 लोग एकत्र हुए थे। ड्रोन के जरिए किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए।
  • इससे पहले दिन में चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा और खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल के साथ कई घंटों तक चली उच्च स्तरीय बैठक बेनतीजा रही।

इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले 200 से अधिक यूनियनों के नेतृत्व में हजारों किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी की ओर ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च शुरू किया।

बैठक में केंद्रीय मंत्री एमएसपी के मुद्दे पर एक कमेटी बनाने की वकालत कर रहे थे, लेकिन किसान नेताओं ने इसे ठुकरा दिया। केंद्र सरकार 2020-21 आंदोलन के दौरान दर्ज किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने पर भी सहमत हुई। लेकिन केंद्र ने कर्जमाफी पर भी कोई वादा नहीं किया।

बैठक में शामिल होने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने मीडिया को बताया कि इस मुद्दे पर कई समितियां पहले ही एमएसपी को वैध बनाने की जरूरत की वकालत कर चुकी हैं। इसलिए किसी अन्य समिति का कोई उद्देश्य नहीं है। सरकार कर्ज माफी पर भी गंभीर नहीं थी। हालांकि, इसने बड़े कॉरपोरेट के लिए लाखों करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया गया। हरियाणा पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।