चिन्नास्वामी स्टेडियम भगदड़ में मौत के शिकार — सभी 40 से कम उम्र के, सबसे छोटा 13 साल का किशोर

By : hashtagu, Last Updated : June 5, 2025 | 12:14 pm

बेंगलुरु: बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम (Chinnaswamy stadium) में हुई भयावह भगदड़ में जान गंवाने वाले सभी लोग 40 साल से कम उम्र के थे। मृतकों में तीन किशोर शामिल हैं, जिनमें सबसे छोटी 13 साल की दिव्यांशी थी। अन्य मृतकों में 20 से 30 वर्ष की आयु के छह युवक-युवतियाँ शामिल हैं।

इनमें से अधिकांश दर्शक अपने दोस्तों के साथ रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की ऐतिहासिक आईपीएल जीत का जश्न मनाने पहुंचे थे। टीम ने 18 साल के लंबे इंतजार के बाद ट्रॉफी जीती थी। ज्यादातर लोग बेंगलुरु से थे, लेकिन कई लोग अन्य जिलों से भी आए थे। खुशी का माहौल अचानक एक दुःस्वप्न में बदल गया जब भारी भीड़ सुरक्षा व्यवस्थाओं पर हावी हो गई, जिससे भगदड़ मच गई।

इस दर्दनाक हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई और 47 लोग घायल हो गए। मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई है: दिव्यांशी (13), शिवलिंगा (17), चिन्मयी (19), प्रज्वल (20), भूमिक (20), साहना (25), अक्षता (27), देवी (29), दोरेशा (32), मनोज (33), और श्रवण (20)।

इस त्रासदी के पीछे जल्दबाज़ी में की गई तैयारियां, अपर्याप्त योजना और प्रशंसकों की भारी भीड़ प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। सवाल उठ रहे हैं कि राज्य सरकार ने विधान सौध में विजेता टीम के सम्मान समारोह का आयोजन क्यों किया, जहां राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने टीम का सम्मान किया। विधान सौध और चिन्नास्वामी स्टेडियम — दो अलग-अलग स्थानों पर आयोजन से पुलिस बल का विभाजन हुआ, जिससे स्टेडियम में भीड़ को संभालने वाले सुरक्षाकर्मियों की संख्या कम रह गई। स्टेडियम की क्षमता 35,000 है, जबकि वहां तीन लाख से अधिक लोग पहुंच गए।

बेंगलुरु पुलिस ने पहले ही सुरक्षा कारणों से विजय जुलूस की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, लेकिन कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ और आयोजकों ने इसे नजरअंदाज कर दिया। दोपहर करीब 3:14 बजे RCB ने विजय जुलूस और मुफ्त पास की घोषणा की, जिससे प्रशंसकों का भारी सैलाब स्टेडियम की ओर उमड़ पड़ा। जब यह बात फैली कि प्रवेश “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर होगा, तो अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोग गेट पर चढ़ने लगे, कुछ ने बैरिकेड्स को धक्का दिया। सुरक्षाकर्मी भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सके और कई लोग गिर पड़े।

इस घटना को लेकर आलोचना तेज हो गई है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मृतकों के परिवारों को मुआवज़ा और घायलों को मुफ्त इलाज देने की घोषणा की। उन्होंने कहा: “ऐसे हादसे कई जगहों पर होते हैं। मैं इसकी तुलना कर बचाव नहीं करना चाहता, जैसे कुंभ मेले में 50-60 लोग मरे थे, लेकिन मैंने तब आलोचना नहीं की। अगर कांग्रेस आलोचना करती है, तो वह अलग बात है। क्या मैंने या कर्नाटक सरकार ने तब आलोचना की थी?”

मुख्यमंत्री के इस बयान पर बीजेपी नेता प्रह्लाद जोशी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा: “कुंभ और बेंगलुरु की घटना की तुलना नहीं की जा सकती। जब पुलिस ने अनुमति नहीं दी, तो जबरदस्ती आयोजन क्यों किया गया? मौतों के बाद भी जश्न मनाना जारी क्यों रहा? उपमुख्यमंत्री टीम को रिसीव करने क्यों गए? वहां सेल्फी ली जा रही थी, कोई आम जनता की परवाह नहीं कर रहा था।”

उन्होंने न्यायिक जांच की मांग की और कहा कि सरकार को जवाब देना होगा। “यह अत्यंत निंदनीय है,” उन्होंने जोड़ा।