नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक (women reservation bill) पारित कराने का प्रयास करेगी।
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल इस विधेयक को चर्चा के लिए लोकसभा में पेश करेंगे और पारित कराने के लिए विचारार्थ रखेंगे।
संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 मंगलवार को लोकसभा में अनुपूरक कार्य-सूची में पेश किया गया था।
इसमें प्रस्ताव है कि आरक्षण 15 साल की अवधि तक जारी रहेगा और महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों के भीतर एससी और एसटी के लिए एक कोटा होगा।
सूत्रों ने कहा कि हालांकि इस कानून के 2024 के लोकसभा चुनाव में लागू होने की संभावना नहीं है।
उन्होंने कहा कि इसे परिसीमन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद संभवत: 2029 में लागू किया जायेगा।
परिसीमन प्रक्रिया शुरू होने के बाद आरक्षण लागू होगा और 15 वर्षों तक जारी रहेगा। विधेयक के अनुसार, महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों को प्रत्येक परिसीमन के बाद बदला जाएगा।
इस बीच सरकार अधिवक्ता (संशोधन) को चर्चा और पारित करने के लिए लोकसभा में रखेगी। यह विधेयक राज्यसभा से पहले ही पारित हो चुका है।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, जो लोक लेखा समिति (पीएसी) के प्रमुख हैं, लोकसभा में भूजल प्रबंधन और सांस्कृतिक संस्थानों से संबंधित मुद्दों से संबंधित दो रिपोर्ट रखेंगे।
बीजू जनता दल सांसद भर्तृहरि महताब लोकसभा में श्रम पर स्थायी समिति की रिपोर्ट भी पेश करेंगे।