कोलकाता, 2 मई (आईएएनएस)| कालियागंज में पुलिस की फायरिंग (police firing) में जान गंवाने वाले 33 वर्षीय भाजपा कार्यकर्ता मृत्युंजय बर्मन के परिवार ने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है। उनका कहना है कि अपराध जांच विभाग (सीआईडी) की जांच पर उन्हें भरोसा नहीं है। कलकत्ता हाईकोर्ट में मामले की सीबीआई जांच और मामले पुलिस की भूमिका की पूरी जांच की मांग के संबंध में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर होने के बाद सोमवार को जांच सीआईडी को सौंप दी गई।
मृतक के बड़े भाई बिष्णु बर्मन का कहना है कि उन्हें सीबीआई जैसी किसी केंद्रीय एजेंसी की जांच पर ही भरोसा है। उन्होंने कहा, हमें सीआईडी या किसी अन्य राज्य एजेंसी द्वारा जांच पर भरोसा नहीं है। हमने पहले ही उत्तरी दिनाजपुर के जिला पुलिस अधीक्षक को इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार कलियागंज पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एक लिखित शिकायत सौंपी है।
उनका तर्क है कि वे राज्य पुलिस का हिस्सा होने के नाते सीआईडी से बिना किसी पक्षपात के जांच की उम्मीद कैसे कर सकते हैं जबकि हत्या के पीछे उनके अपने सहयोगी थे।
इस बीच, परिवार ने जांच के लिए सोमवार को उनके आवास पर गई सीआईडी और फोरेंसिक विभाग की टीमों के साथ सहयोग नहीं करने का फैसला किया।
जांच टीमों ने घटना स्थल से मृतक की पत्नी गौरी बर्मन का खून से सना लबादा और कारतूस का एक खोखा बरामद किया। हालांकि, पीड़ित परिवार के सदस्यों ने जब्ती सूची पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया।
हालांकि इस मामले में सीआईडी के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। एक जांच अधिकारी ने कहा, हम मीडिया को कोई भी जानकारी देने में असमर्थ हैं।