बेंगलुरु, 17 जुलाई (आईएएनएस)। बेंगलुरु (Bengaluru) में सोमवार से शुरू हो रहे विपक्षी दलों के दो दिवसीय सम्मेलन में 23 राजनीतिक दल शामिल होंगे। वे अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को संयुक्त चुनौती देने का प्रयास करेंगे।
स्थानीय पार्टी जद-एस ने पार्टी के भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल होने की अफवाहों के बीच बैठक से बाहर रहने का विकल्प चुना है।
बेंगलुरु की मुख्य सड़कों पर राष्ट्रीय नेताओं के स्वागत वाले पोस्टर लगाए गए हैं क्योंकि राज्य में शासन कर रही कांग्रेस देश को एक संदेश देना चाहती है।
बैठक में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी और डेरेक ओ’ ब्रायन, सीपीआई के डी. राजा, सीपीआई-एम के सीताराम येचुरी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार और पार्टी नेता जीतेंद्र अहवाद और सुप्रिया सुले भी हिस्सा लेने जा रहे हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उनकी पार्टी जनता दल-यूनाइटेड के अध्यक्ष ललन सिंह और पार्टी नेता संजय कुमार झा, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और उनकी पार्टी डीएमके के सांसद टी.आर. बालू, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री और जेएमएम प्रमुख हेमंत सोरेन, शिवसेना-यूबीटी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, और पार्टी नेता आदित्य ठाकरे और संजय राउत ने भी अपनी मौजूदगी की पुष्टि की है।
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, समाजवादी पार्टी और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, सीपीआई-माले प्रमुख दीपांकर भट्टाचार्य और रालोद प्रमुख जयंत सिंह चौधरी भी शामिल हो रहे हैं।
इसके अलावा आईयूएमएल से के.एम. खादर मोहिदीन, केरल कांग्रेस-एम से जोस के. मणि, एमडीएमके से वाइको, वीसीके से थोल थिरुमावलवन, एन.के. भी मौजूद रहेंगे। आरएसपी से प्रेमचंद्रन, केरल कांग्रेस से पी.जे. जोसेफ, केएमडीके से ई.आर. ईश्वरन और एआईएफबी से जी. देवराजन ने अपनी मौजूदगी की पुष्टि की है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया 17 जुलाई की शाम को रात्रिभोज का आयोजन करेंगे, जिसके बाद अगले दिन औपचारिक विचार-विमर्श होगा। पहली बैठक पटना में होने के बाद विपक्षी दलों की दूसरी संयुक्त बैठक हो रही है।