कर्नाटक में CM बदलने की अटकलें तेज खड़गे बोले फैसला हाईकमान का ही होगा विपक्ष ने उठाए सवाल

खड़गे के बयान पर भाजपा विधायक सुरेश कुमार ने सवाल उठाते हुए लिखा कि यदि कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष ही हाईकमान नहीं है तो आखिर हाईकमान है कौन।

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  • Publish Date - November 24, 2025 / 01:06 PM IST

Karnataka CM Issue: कर्नाटक की राजनीति में मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह फैसला पूरी तरह पार्टी हाईकमान पर निर्भर है और वे इस मुद्दे पर अभी कुछ कहना नहीं चाहते। शनिवार देर शाम मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ उनकी एक घंटे से ज्यादा चली बैठक के बाद यह बयान सामने आया। खड़गे ने कहा कि जो भी निर्णय होगा हाईकमान करेगा और चिंता की कोई बात नहीं है।

सिद्धारमैया पहले ही कह चुके हैं कि वे हाईकमान के हर निर्णय का पालन करेंगे और दूसरों को भी ऐसा ही करना चाहिए। उन्होंने नेतृत्व परिवर्तन की खबरों को मीडिया की बनाई हुई अटकलें बताया।

उधर कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने संकेत दिया कि यदि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन होता है तो वे भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर नहीं हैं। हालांकि उनका कहना है कि न तो हाईकमान से इस विषय पर चर्चा हुई है और न कांग्रेस विधायक दल में कोई बात हुई है।

खड़गे के बयान पर भाजपा विधायक सुरेश कुमार ने सवाल उठाते हुए लिखा कि यदि कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष ही हाईकमान नहीं है तो आखिर हाईकमान है कौन।

रविवार को सिद्धारमैया के करीबी माने जाने वाले मंत्री एच सी महादेवप्पा और के वेंकटेश ने भी खड़गे से मुलाकात की। महादेवप्पा ने कहा कि इस समय कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलने जैसी कोई स्थिति नहीं है और यदि कभी ऐसा हुआ तो फैसला हाईकमान ही करेगा।

कांग्रेस सरकार ने 20 नवंबर को ढाई साल पूरे किए हैं और इसी के बाद सत्ता संतुलन को लेकर खींचतान बढ़ गई है। डिप्टी मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थक कुछ विधायक पिछले दिनों दिल्ली जाकर खड़गे से मिले। हालांकि शिवकुमार ने ऐसी किसी मुलाकात की जानकारी होने से इनकार कर दिया।

सूत्रों के अनुसार सिद्धारमैया कैबिनेट फेरबदल चाहते हैं जबकि शिवकुमार नेतृत्व परिवर्तन पर पहले फैसला होने के पक्ष में हैं। माना जा रहा है कि यदि हाईकमान कैबिनेट विस्तार को मंजूरी देता है तो इससे संकेत मिलेगा कि सिद्धारमैया पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे और इसके बाद शिवकुमार के मुख्यमंत्री बनने की संभावना कम हो जाएगी।

बीस नवंबर को दिल्ली में हुई बैठकों के बाद अटकलें और तेज हुईं। बताया गया कि शिवकुमार के कुछ करीबी मंत्री और विधायक शीर्ष नेताओं से मिलने पहुंचे थे। 2023 में कांग्रेस की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच जोरदार मुकाबला था। तब रोटेशन के फॉर्मूले की चर्चा भी चली थी जिसके अनुसार ढाई साल बाद नेतृत्व परिवर्तन होने की बात कही गई थी हालांकि पार्टी ने इसे आधिकारिक रूप से कभी स्वीकार नहीं किया।

सूत्रों के मुताबिक शिवकुमार के कुछ समर्थक चाहते हैं कि उनका नेता मुख्यमंत्री बने। मंत्री एन चालुवरायस्वामी और विधायक इकबाल हुसैन, एच सी बालकृष्ण और एस आर श्रीनिवास सहित कई नेता दिल्ली पहुंचे थे। जानकारी यह भी है कि पिछले दिनों लगभग 12 एमएलसी ने भी दिल्ली जाकर वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की थी।