कोलकाता, 4 फरवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल (West Bengal) में रविवार को एक ताजा राजनीतिक घमासान शुरू हो गया। तृणमूल कांग्रेस ने राज्य सरकार द्वारा विभिन्न केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के अंतर्गत निधि उपयोग से संबंधित ‘यूटलाइजेशन सर्टिफिकेट’ जमा न करने के संबंध में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के निष्कर्षों पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।
सत्तारूढ़ दल ने आरोप लगाया है कि ईडी और सीबीआई तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को चुनिंदा तरीके से निशाना बनाकर भाजपा के इशारे पर काम कर रही है। उसने दावा किया है कि कैग टीएमसी के खिलाफ नकारात्मक राजनीतिक पटकथा के लिए दस्तावेज तैयार करने में भूमिका निभा रही है।
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने रविवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों को उपयोगिता प्रमाणपत्र भेज रही है।
मजूमदार ने कहा, “मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने दावा किया है कि कैग की रिपोर्ट में जिन अनियमितताओं के लिए वर्तमान तृणमूल कांग्रेस शासन को जिम्मेदार ठहराया गया है वे पिछले वाम मोर्चा शासन के दौरान हुई थीं। लेकिन वास्तविकता यह है कि कैग की रिपोर्ट 2020-21 तक के आंकड़ों को दर्शाती है और वाम मोर्चा शासन उसके 10 साल पहले ही समाप्त हो गया। वाम मोर्चा शासन की समाप्ति के बाद की अवधि के दौरान अनियमितताओं के बारे में तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व क्या कहेगा?”