PM मोदी की डिग्री नहीं होगी सार्वजनिक: दिल्ली हाईकोर्ट ने CIC का आदेश किया खारिज

विश्वविद्यालय ने तर्क दिया था कि छात्रों की शैक्षणिक जानकारी निजी होती है और इसे किसी तीसरे व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता।

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  • Publish Date - August 25, 2025 / 04:41 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की बीए की डिग्री अब सार्वजनिक नहीं की जाएगी। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) को 1978 में बीए पास करने वाले छात्रों का रिकॉर्ड सार्वजनिक करने को कहा गया था।

जस्टिस सचिन दत्ता की एकल पीठ ने DU की याचिका पर यह फैसला सुनाया। विश्वविद्यालय ने तर्क दिया था कि छात्रों की शैक्षणिक जानकारी निजी होती है और इसे किसी तीसरे व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता।

RTI एक्टिविस्ट नीरज कुमार ने 2016 में एक आरटीआई के ज़रिए DU से 1978 में BA पास करने वाले सभी छात्रों का नाम, रोल नंबर, अंक और पास-फेल की जानकारी मांगी थी। पीएम मोदी ने भी इसी वर्ष BA की परीक्षा दी थी।

RTI कार्यकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने दलील दी कि यह जानकारी आमतौर पर विश्वविद्यालय की वेबसाइट, नोटिस बोर्ड या अखबारों में भी प्रकाशित की जाती है और यह सार्वजनिक दस्तावेज मानी जाती है।

वहीं, DU की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केवल जिज्ञासा के आधार पर RTI के तहत जानकारी नहीं मांगी जा सकती। यह व्यक्तिगत जानकारी है और इसे “फिड्युशियरी कैपेसिटी” यानी भरोसे में दी गई गोपनीय जानकारी माना जाता है।

DU ने 2017 में CIC के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और कहा था कि अगर कोर्ट चाहे तो रिकॉर्ड दिखाया जा सकता है, लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट ने तब आदेश पर रोक लगा दी थी, और अब अंतिम रूप से CIC का आदेश रद्द कर दिया गया है।