हिंदुओं पर जिहादियों के सैकड़ों हमलों की सूची जारी कर विहिप ने दी चेतावनी

भारत में जिहादी तत्व हिंदू समाज (Jihadi elements in India Hindu society),उनके उत्सवों और मंदिरों पर लगातार आक्रमण कर रहे हैं।

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  • Updated On - November 12, 2024 / 06:10 PM IST

नई दिल्ली, 12 नवंबर (आईएएनएस)। भारत में जिहादी तत्व हिंदू समाज (Jihadi elements in India Hindu society),उनके उत्सवों और मंदिरों पर लगातार आक्रमण कर रहे हैं। इन आक्रमणों की सूचियां जारी करते हुए विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन (Joint General Secretary of Vishwa Hindu Parishad Dr. Surendra Jain) ने कहा कि इन सूचियों से सिद्ध होता है कि जिहादी आक्रांता हैं, पीड़ित नहीं।

भारत की कथित सेकुलर और मुस्लिम पार्टियों और नेताओं को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि वे सत्ता के मोह में इन जिहादियों को भड़का कर उनकी हिंसक प्रवृत्तियों को प्रोत्साहन दे रहे हैं और देश को गृह युद्ध की दिशा में ले जाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। जबकि, जिहादियों को संरक्षण नहीं, सबक सिखाने की जरूरत है। देश के संविधान, कानून, न्यायपालिका तथा राष्ट्रीय सभ्यताओं और परंपराओं का सम्मान करना, प्रत्येक नागरिक के लिए आवश्यक है। यह शांतिपूर्ण सहअस्तित्व की आवश्यक शर्त भी है।

उन्होंने बताया कि 300 से अधिक घटनाओं की सूचियां केवल जनवरी 2023 से 2024 की छठ पूजा तक के आक्रमणों और अत्याचारों की है। यह इस अवधि में भी हुए अत्याचारों और आक्रमणों का भी केवल दशांश है। इन हमलों की बर्बरता व क्रूरता तो अमानवीय है ही, उनके प्रकार भी मानव कल्पना से परे हैं। आतंक जिहाद, लव जिहाद, लैंड जिहाद, जनसंख्या जिहाद से तो संपूर्ण विश्व त्रस्त है ही, अब थूक जिहाद, पेशाब जिहाद, ट्रेन जिहाद, अवयस्क जिहाद आदि से उनकी गैर मुसलमानों के प्रति नफरत सामने आ रही है। गैर मुसलमानों के प्रति उनकी नफरत कहां से आती है, आज संपूर्ण विश्व के चिंतक इसका जवाब खोज रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इन जिहादी आक्रमणों और अत्याचारों की वीभत्सता विश्वव्यापी है। चाहे हमास के हमले हों या बांग्लादेशी जिहादियों के, चाहे कश्मीर में हिंदुओं का नरसंहार हो या बंगाल में हिंदुओं पर हो रहे हमले, इन सब में क्रूरता और वासना का नंगा नाच समान रूप से दिखाई देता है। इनका यही चरित्र मानवता को 1400 वर्षों से त्रस्त कर रहा है। यह दुनिया का सबसे बड़ा आश्चर्य है कि विश्व के सबसे बड़े आक्रांता अपने आप को पीड़ित बताते हैं। विश्व में कहीं इस्लामोफोबिया नहीं है। वास्तव में ये ही काफिरोफोबिया से ग्रस्त हैं।

उन्होंने संपूर्ण विश्व की सभ्यताओं का आह्वान किया कि सबको मिलकर इस क्रूर और वीभत्स जिहादी मानसिकता को परास्त करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत के कई मौलाना और मुस्लिम नेता जिस प्रकार की मारने-काटने की धमकियां हिंदू समाज को दे रहे हैं, वह उनकी जिहादी मानसिकता के अनुरूप है। लेकिन, उन पर सेकुलर बिरादरी की चुप्पी घोर आश्चर्यजनक है। इसी प्रकार की धमकियां 1946 में भी दी जा रही थी। क्या ये मौलाना और मुस्लिम नेता भारत में प्रत्यक्ष कार्यवाही (डायरेक्ट एक्शन) जैसा नरसंहार करना चाहते हैं? उन्हें स्मरण रखना चाहिए कि यह 1947 नहीं है। आज हिंदू संगठित है। संवैधानिक दायरे में रहकर वह हर चुनौती का जवाब दे सकता है। लेकिन, आज इन सब नेताओं का दोहरा चरित्र उजागर हो गया है।

उन्होंने कहा कि विहिप पूछती है कि आतंकवाद के इन सब प्रकारों को गैर इस्लामिक बताने वाले कितने मौलानाओं ने इन आतंकियों के खिलाफ फतवा जारी किया है? क्यों न माना जाए कि कश्मीर नरसंहार से लेकर हमास, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में हो रही बर्बरता, इन सब की मिलीभगत से हो रही है? विहिप इन सब धमकीबाज मौलाना और मुस्लिम नेताओं के भड़काऊ बयानों का अध्ययन कर रही है। इन सब पर कानूनी कार्यवाही की संभावना पर विचार किया जाएगा। अब हमलों और अन्य अत्याचारों की भी अति हो गई है। सेकुलर बिरादरी सहित इन सब नेताओं को समझना चाहिए कि जिहाद का रास्ता बर्बादी का रास्ता है। यह देश के हित में तो है ही नहीं, इन सबके हित में भी नहीं है। संगठित और सामर्थ्यशाली हिंदू समाज इन राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी षड्यंत्रों को रोकने में सक्षम है।

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