कैलाश खेर: 50 रुपए में गाना गाने से लेकर आत्महत्या की कोशिश तक, एक संघर्षमयी जीवन की कहानी

By : hashtagu, Last Updated : July 7, 2025 | 12:32 pm

Kailesh Kher: 21 भाषाओं में 2000 से ज्यादा गाने गाकर और दुनिया भर में अपने शानदार कॉन्सर्ट्स से संगीत की दुनिया में नाम कमा चुके कैलाश खेर का जीवन कभी आसान नहीं था। उनकी यात्रा बेहद संघर्षपूर्ण रही, जहां उन्होंने हर कदम पर कठिनाइयों का सामना किया। सुसाइड करने की सोच से लेकर, एक छोटे से गांव में घाट पर गाने से 50 रुपए कमाने तक, कैलाश का जीवन कभी भी सपनों से खाली नहीं था।

ऋषिकेश के घाटों पर 50 रुपए के लिए गाने की शुरुआत

कैलाश खेर का संगीत सफर ऋषिकेश के घाटों से शुरू हुआ था। यहां वे आरती के समय गाना गाते थे और एक गाने के बदले उन्हें केवल 50 रुपए मिलते थे। हालांकि, यह छोटी सी रकम उन्हें आत्मविश्वास और प्रेरणा देती थी। कैलाश ने कहा, “जब मैं गाता था, तो संत नाचते थे और लोग झूमते थे। मुझे यह समझ में आया कि जब मैं गाता हूं, तो लोग मुझसे जुड़ते हैं, और मुझे खुशी मिलती है।”

इसी दौरान उन्हें स्वामी परिपूर्णानंद जी महाराज से एक महत्वपूर्ण सीख मिली, जिन्होंने उन्हें कहा, “तुम गाते हो तो अलख जलती है, हंसा करो और अपनी रोशनी का पूरा लाभ लो। तुम जो भी गाते हो, उसे एक एल्बम में बदलो।”

मुंबई में संघर्ष और पहले झटके का सामना

2001 में कैलाश खेर ने ऋषिकेश से मुंबई का रुख किया। मुंबई आते ही उन्हें पहले ही दिन बड़ा झटका लगा। वे विले पार्ले स्थित एक संन्यास आश्रम में रुकने की उम्मीद लेकर आए थे, लेकिन वहां भी कोई व्यवस्था नहीं थी। इसके बाद, वे खादी ग्रामोद्योग के लॉज में 50 रुपए प्रतिदिन पर रहने लगे। यही संघर्ष उनके लिए और भी कठिन था, क्योंकि वह जब मुंबई आए थे तो उनके पास बहुत कम पैसे थे।

समुद्र में आत्महत्या की सोच और जीवन में नया मोड़

मुंबई में अपने संघर्ष के दिनों में जब कैलाश खेर लोगों से मिलते थे, तो लोग उनकी शैली पर हंसते थे। वे जानते थे कि मुंबई में हर कोई फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने आता है, लेकिन कैलाश का सपना कुछ अलग था। वह एक एल्बम “कैलासा” बनाना चाहते थे, जो पूरी तरह से उनके संगीत और जुनून को दर्शाता था।

हालांकि, संघर्षों से घिरे कैलाश ने जुहू बीच पर समुद्र में कूदकर अपनी जान देने का भी सोचा। वह कहते हैं, “मैं समुद्र से यही कहता था कि गंगा मां ने मुझे अपनी गोद में नहीं सुलाया, अब तुम मुझे सुला लो।” लेकिन जैसे ही उन्होंने समुद्र में कूदने की कोशिश की, एक तात्कालिक सीनियर ने उन्हें बचा लिया। उस पल ने कैलाश को अपनी जिंदगी की क़ीमत समझाई, और उन्होंने ठान लिया कि अब किसी भी हाल में वह हार नहीं मानेंगे।

कैलाश खेर की संघर्ष भरी कहानी आज लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है। एक वक्त था जब उन्हें सिर्फ 50 रुपए मिलते थे, लेकिन आज वह एक गाने के लिए 15-20 लाख रुपए चार्ज करते हैं। उनका संगीत और आत्मविश्वास ने उन्हें एक नई पहचान दी है और वह आज भी लोगों के दिलों में अपनी आवाज से अलख जला रहे हैं।