भारत-अमेरिका ट्रेड डील में 6 महीने बाद भी क्यों नहीं हो रहा कोई नतीजा

अमेरिका भारत से अपनी एग्रीकल्चर और डेयरी प्रोडक्ट्स के लिए भारतीय मार्केट खोलने और टैरिफ कम करने की मांग कर रहा है, लेकिन भारत इन सेक्टर्स को अपनी रेड लाइन मानता है।

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  • Publish Date - July 31, 2025 / 11:29 AM IST

वॉशिंगटन डीसी: भारत और अमेरिका के बीच फरवरी में शुरू हुई ट्रेड डील (trade deal) पर 6 महीने बीतने के बावजूद कोई नतीजा नहीं निकला है। अमेरिका, भारत के एग्रीकल्चर और डेयरी सेक्टर में एंट्री चाहता है, जबकि भारत अपने छोटे उद्योगों और लोकल किसानों के हितों को प्राथमिकता दे रहा है। इसके अलावा, अमेरिका ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे दोनों देशों के बीच बातचीत में और जटिलता बढ़ गई है।

भारत-अमेरिका व्यापार में मतभेद:

1. एग्रीकल्चर और डेयरी सेक्टर में असहमति

अमेरिका भारत से अपनी एग्रीकल्चर और डेयरी प्रोडक्ट्स के लिए भारतीय मार्केट खोलने और टैरिफ कम करने की मांग कर रहा है, लेकिन भारत इन सेक्टर्स को अपनी रेड लाइन मानता है। इससे स्थानीय किसानों और फूड सिक्योरिटी पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसके अलावा, भारत को अमेरिका द्वारा तैयार डेयरी प्रोडक्ट्स को लेकर सांस्कृतिक और धार्मिक चिंताएं भी हैं।

2. ट्रम्प की टैरिफ पॉलिसी पर असहमति

अमेरिका ने 26% रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जिसे जुलाई तक सस्पेंड कर दिया गया। भारत इससे सहमत नहीं है और पहले से लागू अमेरिकी टैरिफ पर छूट की मांग कर रहा है। दूसरी ओर, अमेरिका 10% बेसलाइन टैरिफ बनाए रखने और कुछ सेक्टर्स में ज़ीरो टैरिफ की मांग कर रहा है।

3. भारत को अमेरिकी मार्केट में ज्यादा जगह चाहिए

भारत चाहता है कि उसके कपड़ा, गहने, चमड़ा और प्लास्टिक उद्योगों को अमेरिका के बाजारों में ज्यादा स्थान मिले। अमेरिका, भारत से नॉन-टैरिफ रुकावटें कम करने की मांग कर रहा है। दोनों देशों के बीच इस पर सहमति नहीं बन पाई है।

4. भारत अपने आर्थिक हितों को लेकर सजग

भारत अपने आर्थिक और रणनीतिक हितों को लेकर सावधानी बरत रहा है। वह नहीं चाहता कि कोई डील अमेरिका के फायदे को ही बढ़ाए। इसके अलावा, भारत सरकार पर किसान संगठनों और सिविल सोसाइटी का दबाव है, जिससे सरकार किसी भी समझौते को लेकर सतर्क है।

ट्रम्प का बयान: BRICS और व्यापार की स्थिति पर चिंता

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने BRICS (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) को भी भारत पर 25% टैरिफ लगाने के कारणों में शामिल किया। उन्होंने कहा कि BRICS अमेरिका विरोधी देशों का समूह है और भारत उसका सदस्य है। ट्रम्प ने डॉलर के प्रभुत्व को खत्म करने की कोशिश को भी व्यापार संबंधी स्थिति में एक बड़ी चुनौती बताया।

अमेरिका ने कहा था कि भारत पर टैक्स नहीं लगाएगा:

पिछले महीनों में, ट्रम्प ने कहा था कि भारत जल्द ही अमेरिकी उत्पादों के लिए जीरो टैरिफ लगाएगा। हालांकि, अभी तक यह घोषणा लागू नहीं हो पाई है।

अमेरिकी टीम का भारत दौरा:

अमेरिकी अधिकारियों की टीम 25 अगस्त को भारत आएगी और बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) के तहत छठे राउंड की चर्चा होगी। दोनों देश सितंबर-अक्टूबर तक पहले चरण के ट्रेड एग्रीमेंट को पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं, साथ ही एक अंतरिम ट्रेड एग्रीमेंट की संभावना पर भी विचार कर रहे हैं।

इन सभी मुद्दों के चलते भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर कोई ठोस नतीजा अभी तक नहीं निकल सका है। दोनों देशों को एक-दूसरे के आर्थिक और राजनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए किसी समझौते पर पहुंचने की कोशिश करनी होगी।