नई दिल्ली। अगर आप भरपूर पानी पीने के बावजूद बार-बार मुंह सूखने की शिकायत महसूस करते हैं, सुबह उठते ही जीभ तालू से चिपकी मिलती है, तो यह ‘ड्राई माउथ’ (dry mouth) या ‘जेरोस्टोमिया’ नामक समस्या हो सकती है। यह कोई मामूली परेशानी नहीं है, बल्कि शरीर में लार की कमी का संकेत है, जिसे हल्के में लेना गलत होगा।
क्या है ड्राई माउथ?
ड्राई माउथ तब होता है जब मुंह में लार बननी कम हो जाती है। इससे गले में खराश, स्वाद में कमी, होंठ व जीभ का कटना, निगलने में तकलीफ, और यहां तक कि दांतों में सड़न और आंखों में जलन जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। लंबे समय तक यह स्थिति रहने से त्वचा पर चकत्ते और जोड़ों में दर्द जैसी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं।
किन कारणों से होती है यह परेशानी?
यदि आप हाई ब्लड प्रेशर, मधुमेह या डिप्रेशन जैसी बीमारियों की दवाएं लगातार ले रहे हैं, तो यह समस्या आपके लिए आम हो सकती है। ड्राई माउथ अक्सर दवाओं के साइड इफेक्ट, तंत्रिका तंत्र की गड़बड़ी या हार्मोनल असंतुलन के कारण होती है।
सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा की सलाह
पोषण विशेषज्ञ पूजा मखीजा के अनुसार, लार की कमी का सीधा संबंध तंत्रिका तंत्र और हार्मोनल बदलावों से होता है। लार ग्रंथियों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए ज़रूरी पोषक तत्वों की पूर्ति करनी चाहिए।
इन पोषक तत्वों को करें शामिल:
जिंक: लार एंजाइम्स को सक्रिय करने के लिए
विटामिन बी: लार ग्रंथियों को सुचारु रूप से चलाने के लिए
ओमेगा-3 फैटी एसिड: नर्व सिस्टम की सूजन कम करने के लिए
एडाप्टोजेन्स: हार्मोन संतुलन और तनाव से निपटने के लिए
घरेलू उपाय जो मददगार साबित हो सकते हैं:
बिना चीनी वाला गम चबाएं
मुंह में बर्फ का टुकड़ा रखें
माउथवॉश का उपयोग करें
दवाएं लेने से पहले थोड़ा पानी जरूर पिएं
इनसे जरूर बचें:
स्वास्थ्य विशेषज्ञ ड्राई माउथ की स्थिति में धूम्रपान, शराब, और तीखे मसालेदार भोजन से दूरी बनाने की सलाह देते हैं, क्योंकि ये लार ग्रंथियों को और ज्यादा प्रभावित कर सकते हैं।
नजरअंदाज न करें यह संकेत
यदि ड्राई माउथ की समस्या लगातार बनी रहती है, तो यह शरीर में किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। इसलिए समय रहते डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।