नई दिल्ली, 30 नवंबर (आईएएनएस)। सोशल मीडिया(social media) पर चल रही ऑनलाइन गेमिंग को लेकर सरकार की ओर से कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने राज्यसभा को बताया कि सोशल मीडिया पर बच्चों की ऑनलाइन गेम की लत(Children’s addiction to online games on social media) को दूर करने के लिए दोगुना प्रयास किया है।
राज्यसभा को बताया गया कि सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज को ऑनलाइन गेमिंग और बच्चों को होने वाले संभावित नुकसान से संबंधित सामग्री को हटाने की दिशा में तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करने की जरूरत है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ऑनलाइन गेमों में विभिन्न सामाजिक-आर्थिक चिंताओं को दूर करने के लिए संबंधित हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद आईटी अधिनियम के तहत दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 को अधिसूचित किया है।
सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 में सोशल मीडिया इंटरमीडियेटरों सहित मध्यवर्ती संस्थाओं पर विशेष ध्यान देने की बाध्यता है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि मध्यवर्ती संस्थाओं को किसी भी कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी जानकारी को होस्ट, स्टोर या प्रकाशित नहीं करना चाहिए।
सरकार के अनुसार, “इंटरमीडियेटरों को अपनी जवाबदेही सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, जिसमें आईटी नियम, 2021 के तहत वर्गीकृत गैरकानूनी सूचना को हटाने या किसी भी ऐसी सूचना के खिलाफ प्राप्त शिकायतों के आधार पर तुरंत कार्रवाई करना शामिल है।”
इसके अलावा, शिक्षा मंत्रालय ने ऑनलाइन गेमिंग के नुकसानों पर काबू पाने के लिए अभिभावकों और शिक्षकों के लिए एक सलाह जारी की है। इस सलाह में कहा गया है कि ऑनलाइन गेम खेलने से गेमिंग की एक गंभीर लत लग जाती है, जिसे गेमिंग डिसऑर्डर के रूप में माना जाता है।
उन्होंने आगे चेतावनी देते हुए कहा कि बिना किसी प्रतिबंध और स्व-निर्धारित सीमाओं के ऑनलाइन गेम खेलने से कई यूजर्स को लत लग जाती है और आखिर में गेमिंग डिसऑर्डर का इलाज किया जाता है।