कौन हैं एरिका हूबर जिनके मन में बसता है आयुर्वेद, पीएम मोदी ने मन की बात में किया जिक्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के 117वें एपिसोड के जरिए देश को संबोधित किया। हर बार की तरह पीएम ने देश की परम्परा

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  • Updated On - December 29, 2024 / 07:34 PM IST

नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के 117वें एपिसोड (117th episode of Mann Ki Baat program)के जरिए देश को संबोधित किया। हर बार की तरह पीएम ने देश की परम्परा और अनूठे प्रयोगों के बारे में देशवासियों को बताया। उन्होंने पराग्वे की एरिका हूबर(Erica Huber)का भी जिक्र किया। इंजीनियरिंग की छात्रा जिसके दिल में भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति बसती है।

एरिका अमेरिका के कैलिफोर्निया कॉलेज ऑफ आयुर्वेद में हेल्थ काउंसलर हैं। वह इसी कॉलेज में छात्रों को आयुर्वेद के बारे में पढ़ाती हैं।

इस आयुर्वेदिक कॉलेज की स्थापना 1995 में डॉ मार्क हेल्पर्न ने की थी। कॉलेज की आधिकारिक साइट में आयुर्वेद को लेकर समर्पण का भाव साफ दिखता है। भारतीय चिकित्सा पद्धति को मार्गदर्शक के तौर पर बताया गया है।

एरिका समय-समय पर अन्य जगहों पर भी आयुर्वेद की कंसल्टेशन और आयुर्वेद से जुड़े कोर्सेज के बारे में जानकारी दी जाती रहती हैं।

उन्होंने 30 जुलाई 2024 को पराग्वे स्थित भारतीय दूतावास में निःशुल्क आयुर्वेदिक परामर्श सत्र शुरू किया था। इसके बाद वह नियमित रूप से अपने सत्र आयोजित कर रही हैं। यह जानकारी पराग्वे स्थित भारतीय दूतावास ने अपने एक्स अकाउंट में दी थी।

उनके इन कार्यक्रमों के लिए भारतीय दूतावास सार्वजनिक सूचना जारी करता है। इच्छुक लोगों से इस फ्री कंसल्टेशन के लिए फार्म भरवाया जाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के 117 वें एपिसोड में रविवार को कहा कि दक्षिण अमेरिका का एक देश है पराग्वे। वहां रहने वाले भारतीयों की संख्या 1 हजार से ज्यादा नहीं होगी। पराग्वे में एक अद्भुत प्रयास हो रहा है। वहां भारतीय दूतावास में एरिका हूबर फ्री आयुर्वेद कंसल्टेशन देती हैं। आयुर्वेद की सलाह लेने के लिए भी आज उनके पास स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। एरिका हूबर ने भले ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई की हो लेकिन उनका मन आयुर्वेद में ही बसता है। उन्होंने आयुर्वेद से जुड़े कोर्सेज किए थे और समय के साथ वे इसमें पारंगत होती चली गई।

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