विजयपुर में रामनिवास रावत की हार से कई नेताओं में जागी मंत्री पद की आस

राज्य में अभी हाल ही में दो विधानसभा क्षेत्र विजयपुर और बुधनी में उपचुनाव हुए हैं जिनमें से एक-एक स्थान पर भाजपा तथा कांग्रेस को जीत हासिल हुई है।

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  • Publish Date - November 27, 2024 / 12:07 PM IST

भोपाल 27 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के विजयपुर विधानसभा (Vijaypur assembly) क्षेत्र में मोहन यादव सरकार के मंत्री रामनिवास रावत को मिली हार ने भाजपा के कई नेताओं में मंत्री पद की आस जगा दी है। कई वरिष्ठ विधायक दावेदारों की कतार में नजर आने लगे हैं।

राज्य में अभी हाल ही में दो विधानसभा क्षेत्र विजयपुर और बुधनी में उपचुनाव हुए हैं जिनमें से एक-एक स्थान पर भाजपा तथा कांग्रेस को जीत हासिल हुई है। विजयपुर में वन मंत्री रामनिवास रावत को कांग्रेस उम्मीदवार मुकेश मल्होत्रा ने शिकस्त दी है। इस हार के बाद रावत ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया मगर अब तक मंजूर नहीं हुआ है। वही बुधनी में भाजपा की रमाकांत भार्गव को जीत मिली।

रामनिवास रावत कांग्रेस से विजयपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हुआ करते थे और उन्होंने भाजपा की सदस्यता लोकसभा चुनाव के दौरान ले ली थी। उन्हें पुरस्कार स्वरूप मोहन यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। इस तरह मुख्यमंत्री सहित मंत्रिमंडल में कुल 32 मंत्री हो गए थे।

राज्य की विधानसभा में 230 विधायक हैं और तय नियम के अनुसार राज्य में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 34 मंत्री हो सकते हैं। इस तरह अब तक दो पद ही रिक्त थे और अब रावत के चुनाव हारने के बाद तीन मंत्री बनाए जा सकते हैं। इन स्थितियों में कई दावेदार नजर आने लगे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य के वरिष्ठ भाजपा नेता गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, बृजेंद्र प्रताप सिंह, जयंत मलैया उनमें से हैं जो कई बार सरकार में मंत्री रह चुके हैं परंतु वर्तमान में वे मंत्रिमंडल में जगह हासिल नहीं कर पाए हैं।

राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव के पास गृह विभाग सहित कई और विभाग भी हैं। इतना ही नहीं, आने वाले समय में रावत का वन विभाग भी उन्हीं के पास पहुंच जाएगा। मुख्यमंत्री वर्तमान में विदेश प्रवास पर हैं और उनके विदेशी प्रवास से लौटने के बाद ही फैसला हो सकता है। लेकिन राज्य की सियासत में संभावित मंत्रियों की चर्चा जोरों पर है। कई स्वतंत्र प्रभार के मंत्री ऐसे हैं जो वन विभाग चाहते हैं। इससे पहले रावत को वन विभाग नागर सिंह चौहान से लेकर दिया गया था। संभावना इस बात की ज्यादा है कि वन विभाग किसी जनजातीय वर्ग के विधायक को दिया जा सकता है।