नई दिल्ली, 12 नवंबर (आईएएनएस)| सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने शनिवार को कहा कि चीन जो कहता है, उससे काफी अलग है और इसलिए भारत को चीनी कार्यो पर ध्यान देने की जरूरत है, न कि ‘उनके लिखित ग्रंथों या लिपियों में क्या है’ पर। सेना प्रमुख ने यहां इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में दिल्ली स्थित थिंक टैंक चाणक्य फोरम द्वारा आयोजित ‘चाणक्य संवाद’ को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।
उन्होंने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि जहां तक पीएलए के बल के स्तर का सवाल है, कोई महत्वपूर्ण कमी नहीं हुई है।
सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि एलएसी पर स्थिति ‘स्थिर लेकिन अप्रत्याशित’ है।
जनरल पांडे ने आगे कहा कि “हमारे हितों और संवेदनशीलता की रक्षा करने में सक्षम होने के लिए एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर हमारे कार्यो को बहुत सावधानी से जांचने की जरूरत है।”
चीन द्वारा एलएसी पर बुनियादी ढांचे के विकास के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह बेरोकटोक चल रहा था।
सेना प्रमुख ने नई ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल की बात करते हुए कहा कि सेना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में काम कर रही है और अच्छी प्रगति कर रही है।