In-depth रिपोर्ट: पाकिस्तान की जंग की ‘तैयारी’ का कच्चा चिट्ठा — शादी वाले ड्रोन, भटकती मिसाइलें और फुस्स हथियारों की भरमार
By : dineshakula, Last Updated : May 11, 2025 | 7:18 pm

नई दिल्ली – भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार को घोषित हुए संघर्षविराम (Ceasefire) की स्याही अभी सूखी भी नहीं थी कि महज़ 4 घंटे के भीतर पाकिस्तान की ओर से एक बार फिर एलओसी पर गोलीबारी और ड्रोन अटैक की घटनाएं सामने आने लगीं। रात 11 बजे हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने स्पष्ट कहा कि पाकिस्तान ने संघर्षविराम की शर्तों का उल्लंघन किया है, और भारतीय सेना को कठोर प्रतिक्रिया देने के निर्देश दे दिए गए हैं।
लेकिन इस बार पाकिस्तान के मंसूबों को खुद उनके ही ‘हथियारों’ ने शर्मसार कर दिया। दो दिनों के भीतर पाकिस्तान द्वारा किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिशें न केवल असफल रहीं, बल्कि उन्होंने पाकिस्तान की सैन्य तैयारियों की पोल खोल दी।
300 से ज्यादा ड्रोन, लेकिन सभी नाकाम
8 और 9 मई को पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए 36 से ज्यादा जगहों पर करीब 300–400 ड्रोन भेजे। सेना के मुताबिक, सभी ड्रोनों को भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट कर मार गिराया।
जांच में यह सामने आया कि ये ड्रोन तुर्की निर्मित असिसगार्ड सोंगर थे, जिनका मॉडिफिकेशन कर इन्हें पाकिस्तान की जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल किया गया था। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि इनमें से कई ड्रोन वैसी बनावट के निकले जो आमतौर पर भारतीय शादियों में फोटोग्राफी के लिए इस्तेमाल होते हैं।
‘फतेह-1’: न फतेह न निशाना, सिर्फ नाकामी
10 मई को पाकिस्तान ने फतेह-1 नामक मिसाइल दागी, जिसे हरियाणा के सिरसा के ऊपर भारतीय एयर डिफेंस ने सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट कर निष्क्रिय कर दिया। यह मिसाइल पहले भी कई बार लॉन्चिंग फेलियर, रास्ता भटकने और दुर्घटनाग्रस्त होने जैसी घटनाओं में बदनाम रही है। इस ताज़ा नाकामी ने पाकिस्तान की “स्वदेशी मिसाइल तकनीक” की वास्तविक क्षमता पर सवालिया निशान लगा दिए हैं।
फुस्स निकले पाकिस्तानी हथियार, दिवाली के बमों से तुलना
सीमा से सटे इलाकों — जैसलमेर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर, पंजाब के फिरोजपुर और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों के मलबे बरामद किए गए हैं। इनमें से कई बम ऐसे थे जो फायर ही नहीं हो सके। भारतीय सेना ने इन हथियारों की तुलना ‘दिवाली वाले फुस्स बमों’ से की है — दिखने में खतरनाक, लेकिन न धमाका, न असर।
क्या पाकिस्तान लंबी लड़ाई के लायक है?
विश्लेषकों के अनुसार, इन दो दिनों में पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाइयों की जो तस्वीर सामने आई है, वो उसकी कमज़ोर तकनीकी क्षमता और रणनीतिक सोच की ओर इशारा करती है। इस पूरे घटनाक्रम ने साफ कर दिया कि पाकिस्तान की फौज शायद ही किसी लंबे सैन्य संघर्ष का सामना कर सके।
भारत ने जहां संयम का परिचय देते हुए संघर्षविराम को प्राथमिकता दी, वहीं सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है और सीमा पर चौकसी चरम पर है।