नई दिल्ली| केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit hah) ने मंगलवार को नई दिल्ली में साइबर सुरक्षा के बुनियादी ढांचे और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) के कामकाज की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा की धोखाधड़ी में शामिल और राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से 500 से अधिक ऐप्स को आई4सी की सिफारिश पर बैन किया गया है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि साइबर सुरक्षा अब केवल डिजिटल दुनिया तक ही सीमित नहीं है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बन गया है। अमित शाह ने मीडिया से भी साइबर अपराध के खतरे को रोकने के लिए की गई सभी पहलों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ हाथ मिलाने का आग्रह किया।
गृह मंत्रालय ने बताया कि यूनिट द्वारा टॉप 50 साइबर अटैक के मोडस ऑपरेंडी पर विश्लेषणात्मक रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। वहीं साइबर वित्तीय धोखाधड़ी को देखते हुए 1930 हेल्पलाइन नंबर कार्ड ब्लाक करने जैसे कई सुविधाओं का वन पॉइंट सलूशन प्रदान करता है, इसमें 250 से अधिक बैंक और वित्तीय मध्यस्थ ऑनबोर्ड हो चुके हैं और इसके माध्यम अब तक 1.33 लाख से अधिक लोगों से साइबर अपराधियों द्वारा किए गए 235 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली हुई है।
गृह मंत्रालय द्वारा जनवरी 2020 में लांच हुए साइबर क्राइम पोर्टल का अब तक 13 करोड़ से अधिक बार उपयोग किया गया है, जो इसकी विश्वसनीयता और उपयोगिता को बताता है। इसके माध्यम से अब तक 20 लाख से अधिक साइबर क्राइम शिकायतें दर्ज की गई, जिनके आधार पर 40 हजार से अधिक एफआईआर दर्ज हुई।
वहीं सीसीटीएनएस को देश के 16,625 पुलिस थानों में लागू किया गया है। इनमें 99.9 फीसदी पुलिस स्टेशन (16,597) सीधे सीसीटीएनएस पर 100 प्रतिशत एफआईआर दर्ज कर रहे हैं। मंत्रालय ने बताया कि सीसीटीएनएस राष्ट्रीय डेटाबेस में अब तक 28.98 करोड़ पुलिस रिकॉर्ड हैं।