नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें उन्होंने भारत के आगामी “सुदर्शन चक्र मिशन” का ऐलान किया। यह मिशन भारत की सुरक्षा को अगले दशक में सशक्त बनाने का उद्देश्य रखेगा। पीएम मोदी के अनुसार, यह मिशन उन्नत निगरानी, इंटरसेप्शन और काउंटर-हमला क्षमताओं को एकीकृत करेगा, ताकि भारत के हवाई, स्थलीय और समुद्री क्षेत्रों में खतरों का त्वरित और प्रभावी तरीके से नष्ट किया जा सके।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान देश के लिए घरेलू विमान इंजन निर्माण की आवश्यकता पर भी जोर दिया, खासकर भारत के लड़ाकू विमान कार्यक्रम के लिए। उन्होंने कहा, “यह रक्षा निर्माण क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक है।”
पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की, जिसमें पाकिस्तान को “कड़ा झटका” दिया गया था। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान को किए गए नुकसानों के बारे में रोज नई जानकारियां सामने आ रही हैं।
इस साल मोदी का स्वतंत्रता दिवस संबोधन सबसे लंबा था, जिसमें उन्होंने 103 मिनट (1 घंटा 43 मिनट) तक बात की, जो उनके पिछले रिकॉर्ड (2024 में 98 मिनट) से ज्यादा था। उन्होंने 2015 में 88 मिनट के भाषण से अपना पहला रिकॉर्ड तोड़ा था।
सुदर्शन चक्र मिशन का उद्देश्य:
प्रधानमंत्री ने बताया कि सुदर्शन चक्र मिशन भारत की रणनीतिक, नागरिक और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए एक सुरक्षा कवच तैयार करेगा, ताकि संभावित शत्रु हमलों का सामना किया जा सके। साथ ही, इस मिशन के तहत नए हथियारों का विकास किया जाएगा। यह प्रणाली इजराइल के आयरन डोम से मुकाबला करेगी, जिसे 2010 के दशक में हिजबुल्ला और हमास से हजारों रॉकेट हमलों को रोकने के लिए विश्व प्रसिद्ध माना जाता है। इजराइल का आयरन डोम 90% से अधिक सफलता दर का दावा करता है।
मोदी ने कहा, “2035 तक हम इस राष्ट्रीय सुरक्षा कवच को विस्तार, मजबूती और आधुनिकीकरण करेंगे। भगवान श्री कृष्ण से प्रेरणा लेकर हमने सुदर्शन चक्र के मार्ग को चुना है। हम सुदर्शन चक्र मिशन शुरू करेंगे। इस आधुनिक प्रणाली को भारत में ही शोधित, विकसित और निर्मित किया जाएगा, ताकि हमारे युवाओं की प्रतिभा का लाभ लिया जा सके।”
प्रधानमंत्री ने इस मिशन को भारत की आत्मनिर्भरता और मजबूत रक्षा क्षमताओं की प्रतिबद्धता के रूप में बताया। उन्होंने यह भी कहा कि सुदर्शन चक्र मिशन से न केवल आतंकवादी हमलों का प्रतिकार किया जाएगा, बल्कि आतंकवादियों को करारा जवाब भी दिया जाएगा।
पाकिस्तान को चेतावनी:
प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि “आतंकवादियों और उन्हें शरण देने वालों के खिलाफ समान व्यवहार किया जाएगा” और यह कि भारत की सशस्त्र सेनाओं को भविष्य में किसी भी तरह की शत्रुता के लिए जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है।
उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कड़ी प्रतिक्रिया को स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत अब पाकिस्तान के न्यूक्लियर ब्लैकमेल को और नहीं सहने वाला है। भारत ने अब एक “नई सामान्य स्थिति” स्थापित कर दी है, जिसमें सीमा पार आतंकवाद का डटकर मुकाबला किया जाएगा।
यह टिप्पणी 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के संदर्भ में थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, ज्यादातर पर्यटक थे। इसके जवाब में भारत ने कई कूटनीतिक और आर्थिक उपाय किए, जिनमें इंदस जल समझौता को निलंबित करना शामिल था।
