पुणे, 27 जनवरी (आईएएनएस)| महाराष्ट्र (Maharastra) में आईटी (IT) पेशेवर मोहसिन शेख की हत्या (Murder) के नौ साल बाद पुणे की एक सत्र अदालत ने शुक्रवार को हिंदू राष्ट्र सेना (एचआरएस) (HRS) के अध्यक्ष धनंजय देसाई सहित सभी 20 आरोपियों को बरी कर दिया है। एक आरोपी के वकील सुधीर शाह ने कहा कि शुक्रवार को फैसला पढ़ते हुए पुणे (Pune) के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसबी सालुंके ने कहा कि रिकॉर्ड पर लाए गए साक्ष्य देसाई और अन्य सह-आरोपियों को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं थे और अभियोजन पक्ष अपने मामले को उचित संदेह से परे साबित करने में विफल रहा। अदालत के फैसले के बाद देसाई ने संक्षिप्त टिप्पणी करते हुए कहा, यह मुझे फंसाने की साजिश थी और पुलिस का दुरुपयोग किया गया, मैं निर्दोष था।
शेख ने कथित तौर पर छत्रपति शिवाजी महाराज दिवंगत बालासाहेब ठाकरे और अन्य से संबंधित कुछ आपत्तिजनक सामग्री सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी। जिसके परिणामस्वरूप 2 जून 2014 को उन्नतनगर और हडपसर के आसपास के इलाकों में विरोध और हिंसा हुई।
उस समय सोलापुर का रहने वाला शेख अपने दोस्त रियाज ए शेंद्रे के साथ एक मस्जिद में नमाज पढ़कर घर लौट रहा था, तभी हॉकी स्टिक, क्रिकेट बैट, पत्थर और अन्य हथियारों से लैस कुछ बाइक सवार लोगों ने उसे निशाना बनाया। क्रिकेट के बल्ले से हुए हमले में गंभीर रूप से घायल शेख की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई और उनके भाई मोबिन शेख ने एफआईआर दर्ज कराई थी।
जांच के बाद पुणे पुलिस ने देसाई पर जनवरी और मार्च 2014 में हडपसर के मंजरी और लोनिकलभोर इलाकों में भड़काऊ भाषणों के माध्यम से भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया। पुलिस ने मामले में एक नाबालिग सहित कुल 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। सभी को एचआरएस कार्यकर्ता बताया गया था और बाद में सभी को जमानत मिल गई थी।