इसरो, माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में स्पेसटेक स्टार्टअप्स को सशक्त बनाने के लिए मिलाया हाथ

By : brijeshtiwari, Last Updated : January 5, 2023 | 9:31 pm

बेंगलुरु, 5 जनवरी (आईएएनएस)| भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) (ISRO) और माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने गुरुवार को देश में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टार्टअप (Startup) के विकास को बढ़ावा देने के लिए सहयोग की घोषणा की। इस टाई-अप के माध्यम से इसरो द्वारा पहचाने गए स्पेस टेक स्टार्टअप्स फाउंडर्स हब के लिए माइक्रोसॉफ्ट के प्लेटफॉर्म पर ऑन-बोर्ड होंगे, जो स्टार्टअप्स को उनकी यात्रा के हर चरण में-विचार से लेकर यूनिकॉर्न (Unicorn) तक का समर्थन करता है।

इसरो (ISRO) के चेयरमैन, एस सोमनाथ ने कहा, “माइक्रोसॉफ्ट के साथ इसरो के सहयोग से एआई, मशीन लर्निग और डीप लर्निग जैसे अत्याधुनिक तरीकों का उपयोग करते हुए, विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए बड़ी मात्रा में उपग्रह डेटा के विश्लेषण और प्रसंस्करण में स्पेस टेक स्टार्टअप्स को बहुत लाभ होगा।”

‘माइक्रोसॉफ्ट फॉर स्टार्टअप्स फाउंडर्स हब’ के माध्यम से, भारत में स्पेस-टेक स्टार्टअप संस्थापकों के पास तकनीकी उपकरणों और संसाधनों तक मुफ्त पहुंच होगी, जिसकी उन्हें अपना व्यवसाय बनाने और चलाने के लिए जरूरत होगी।

इसमें एज्योर, बेस्ट-इन-क्लास डेवलपर और गिटहब एंटरप्राइज, विजुअल स्टूडियो एंटरप्राइज और माइक्रोसॉफ्ट 365 सहित प्रोडक्टिविटी टूल और पावर बीआई और डायनेमिक्स 365 के साथ स्मार्ट एनालिटिक्स तक पहुंच बनाने के लिए तकनीकी सहायता शामिल है।

माइक्रोसॉफ्ट इंडिया (Microsoft India) के अध्यक्ष अनंत माहेश्वरी ने कहा, “अपने प्रौद्योगिकी उपकरणों, प्लेटफार्मो और सलाह के अवसरों के माध्यम से, हम अत्याधुनिक नवाचार को चलाने और वैज्ञानिक खोज में तेजी लाने के लिए देश में अंतरिक्ष तकनीक स्टार्टअप को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

माइक्रोसॉफ्ट स्पेस इंजीनियरिंग से लेकर क्लाउड टेक्नोलॉजी, प्रोडक्ट और डिजाइन, धन उगाहने और सेल्स एंड मार्किटिंग तक के क्षेत्रों में अंतरिक्ष तकनीक उद्यमियों को परामर्श सहायता भी प्रदान करेगा।

टेक दिग्गज ने कहा कि इसके अलावा, फाउंडर्स के पास उद्योग और संभावित ग्राहकों के साथ संबंध बनाने में मदद करने के लिए स्टार्टअप केंद्रित प्रशिक्षण सामग्री और कार्यक्रमों के लिए माइक्रोसॉफ्ट लर्न तक पहुंच होगी।

माइक्रोसॉफ्ट और इसरो संयुक्त रूप से अंतरिक्ष उद्योग के विशेषज्ञों के साथ स्टार्टअप्स के लिए ज्ञान साझा करने और विचार नेतृत्व सत्र आयोजित करेंगे।

सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी खिलाड़ियों के लिए खोल दिया है। स्पेसटेक क्षेत्र में देश के 100 से अधिक सक्रिय स्टार्टअप हैं।