अमित शाह ने नेशनल कांफ्रेंस के घोषणापत्र को लेकर राहुल गांधी से पूछे 10 सवाल

जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के गठबंधन पर निशाना साधते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

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  • Publish Date - August 23, 2024 / 09:34 PM IST

नई दिल्ली, 23 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के गठबंधन पर निशाना साधते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने कांग्रेस पार्टी और उसके नेता राहुल गांधी से 10 सवाल (10 questions to Rahul Gandhi) पूछे हैं।

शाह ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाते हुए एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “सत्ता के लालच में बार-बार देश की एकता और सुरक्षा के साथ खेलने वाली कांग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर चुनाव में अब्दुल्ला परिवार की ‘नेशनल कांफ्रेंस’ के साथ गठबंधन करके फिर से अपने मंसूबों को देश के सामने रखा है।”

  • शाह ने एनसी के घोषणा पत्र को लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से 10 सवाल पूछे हैं। उन्होंने पूछा है कि क्या कांग्रेस ‘नेशनल कांफ्रेंस’ के जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करती है? क्या राहुल गया गांधी और कांग्रेस पार्टी अनुच्छेद 370 और 35ए को वापस लाकर जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के निर्णय का समर्थन करती है? क्या कांग्रेस कश्मीर के युवाओं के बदले पाकिस्तान के साथ वार्ता करके फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है?

केंद्रीय गृह मंत्री ने सवाल किया कि क्या कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पाकिस्तान के साथ ‘एलओसी ट्रेड’ शुरू करने के नेशनल कांफ्रेंस के निर्णय से फिर से बॉर्डर पार से आतंकवाद और उसके इकोसिस्टम का पोषण करने का समर्थन करते हैं? क्या कांग्रेस आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल लोगों के परिजनों को फिर से सरकारी नौकरी में बहाल करके आतंकवाद, दहशतगर्दी और बंद के दौर को फिर से लाने का समर्थन करती है?

उन्होंने कहा कि इस गठबंधन से कांग्रेस पार्टी का आरक्षण विरोधी चेहरा सामने आया है। क्या कांग्रेस दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त कर फिर से उनके साथ अन्याय करने के जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के वादे के साथ है? क्या कांग्रेस चाहती है कि ‘शंकराचार्य पर्वत’ फिर से ‘तख़्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ फिर से ‘कोह-ए-मारन’ के नाम से जाने जाएं?

  • अमित शाह ने आगे पूछा कि क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से भ्रष्टाचार की आग में झोंक कर पाकिस्तान समर्थित गिने चुने परिवारों के हाथों में सौंपने का समर्थन करती है? क्या कांग्रेस पार्टी जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के जम्मू और घाटी के बीच भेदभाव की राजनीति का समर्थन करती है? क्या कांग्रेस और राहुल गांधी कश्मीर को ऑटोनॉमी देने की जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस की विभाजनकारी सोच और नीतियों का समर्थन करते हैं?

अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को लेकर मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को सामने रखते हुए अलग पोस्ट में कहा, “मोदी सरकार ने ‘आर्टिकल 370 और 35ए’ हटाने के बाद वर्षों से दलितों, आदिवासियों, पहाड़ियों और पिछड़ों के साथ हो रहे भेदभाव को खत्म करके उन्हें आरक्षण देने का काम किया।क्या राहुल गांधी जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र में उल्लेखित दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त करने वाले आरक्षण विरोधी प्रस्ताव का समर्थन करते हैं? नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन करने के बाद कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को देश के सामने अपनी आरक्षण नीति को स्पष्ट करना चाहिए।”

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