नई दिल्ली, 27 जून (आईएएनएस)। संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने गुरुवार को अपना अभिभाषण (Address) दिया, जिसमें उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार की उपलब्धियों से सदन के सदस्यों को अवगत कराया। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा, “आने वाले कुछ महीने में भारत गणतंत्र के रूप में 75 साल पूरे करने जा रहा है। देश में संविधान लागू होने के बाद भी कई बार हमले हुए हैं। आज 27 जून है, 25 जून 1975 को लागू हुआ आपातकाल संविधान पर हमले का सीधा सबूत है। लेकिन देश ने इससे उबरकर दिखाया।“
राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा, “मैं 18वीं लोक सभा के सभी नव निर्वाचित सदस्यों को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देती हूं। आप सभी यहां मतदाताओं का भरोसा जीतकर आए हैं। देश सेवा और जन सेवा का मौका बहुत कम लोगों को मिलता है। ये दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था। करीब 64 करोड़ मतदाताओं ने उत्साह और उमंग के साथ अपना कर्तव्य निभाया। इस बार भी महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर मतदान में हिस्सा लिया। इस चुनाव की बहुत सुखद तस्वीर जम्मू-कश्मीर से भी सामने आई। कश्मीर घाटी में वोटिंग के अनेक दशकों के रिकॉर्ड टूटे।”
राष्ट्रपति ने कहा, “मेरी सरकार अर्थव्यवस्था के तीनों स्तंभों – विनिर्माण, सेवाएं और कृषि को बराबर महत्व दे रही है। पीएलआई योजनाओं और व्यापार करने में आसानी से बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। पारंपरिक सेक्टर के साथ-साथ सनराइज सेक्टर को भी मिशन मोड पर बढ़ावा दिया जा रहा है।”
राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा, “मेरी सरकार लगातार विकास की गति को तेज कर रही है। शायद ही भारत का ऐसा कोई भूभाग होगा, जो कि विकास से अछूता होगा। ग्रोथ की निरंतरता हमारी गारंटी है और आने वाले बजट में ऐतिहासिक कदम दिखेंगे।” किसानों का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, किसानों को 20 हजार करोड़ ट्रांसफर किए गए। हम किसानों को ज्यादा से ज्यादा आत्मनिर्भर करेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा, “मेरी सरकार ने किसानों के विकास पर विशेष जोर दिया है। कई ऐसी योजनाएं मेरी सरकार लेकर आई जो उनके लिए काफी लाभकारी साबित हो रही हैं। सरकार कृषि उत्पादों के भंडारण की दिशा में काम कर रही है। मेरी सरकार ने कृषि उपजों के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) बढ़ाया है। दुनिया भर में जैविक उत्पादों की मांग बढ़ रही है। भारतीय किसान इस मांग को पूरा करने में सक्षम हैं। सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए काम कर रही है।“
राष्ट्रपति ने कहा, “मेरी सरकार ने 10 लाख गरीबों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला। सरकार के कार्यकाल में पिछले एक दशक में गरीबों का उत्थान हुआ। इसके अलावा, मेरी सरकार के कार्यकाल में महिला सशक्तिकरण के नए दौर की शुरुआत हुई। वहीं हमारा बैंकिंग सेक्टर भी पिछली सरकार की तुलना में काफी मजबूत हुआ। युवाओं को भी स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। वहीं ‘सरकार ने गांवों को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 3.8 लाख किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया है।“
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, “मेरी सरकार ने नॉर्थ-ईस्ट में आवंटन में 10 गुना की वृद्धि की है। उत्तर-पूर्व में हर क्षेत्र में विकास कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है। असम में 27 हजार करोड़ रुपये की लागत से सेमी कंडक्टर प्लांट बनाया जा रहा है। मेरी सरकार नॉर्थ-ईस्ट में स्थायी शांति के लिए निरंतर काम कर रही है। पिछले 10 साल में अनेक पुराने विवादों को हल किया गया है। नॉर्थ ईस्ट में अशांत क्षेत्र में तेज विकास कर चरणबद्ध तरीके से अफस्पा हटाने का काम भी जारी है। देश के हर क्षेत्र में विकास के नए आयाम बन रहे हैं।“
राष्ट्रपति ने कहा, “विकसित भारत का निर्माण तभी संभव है जब देश के गरीब, युवा, महिलाएं और किसान सशक्त होंगे। इसलिए उन्हें मेरी सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। हमारा लक्ष्य उन्हें हर सरकारी योजना का लाभ पहुंचाना है। भारत इस इच्छाशक्ति के साथ काम कर रहा है कि एक भी व्यक्ति सरकारी योजनाओं से वंचित न रहे। सरकारी योजनाओं के कारण ही पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर आए… मेरी सरकार किफायती विकास कर रही है। मेरी सरकार श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को एकीकृत कर रही है। स्वच्छ भारत में डिजिटल इंडिया और डाकघरों के नेटवर्क का उपयोग कर दुर्घटना और जीवन बीमा के कवरेज को बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है। गरीबों के जीवन की गरिमा और उनके स्वास्थ्य को राष्ट्रीय महत्व का विषय बना दिया गया है, पहली बार देश में करोड़ों गरीबों के लिए शौचालय बनाए गए हैं।”
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, “सक्षम भारत के लिए, हमारे सशस्त्र बलों में आधुनिकता आवश्यक है। युद्ध की स्थिति में हम सर्वश्रेष्ठ रहें – यह सुनिश्चित करने के लिए सशस्त्र बलों में सुधार की प्रक्रिया निरंतर चलनी चाहिए। इसी मानसिकता के साथ, मेरी सरकार ने कई कदम उठाए, पिछले 10 वर्षों में महत्वपूर्ण सुधारों के साथ, भारत 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के रक्षा विनिर्माण में लगा हुआ है, पिछले एक दशक में हमारा रक्षा निर्यात 18 गुना बढ़कर 21,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।”
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