नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को कहा कि उसने केरल के कंडाला सर्विस को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व अध्यक्ष एन. भासुरंगन को गिरफ्तार किया, जिन्होंने विभिन्न अनधिकृत ऋणों को मंजूरी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
ईडी ने कहा कि उसने कंडाला सर्विस को-ऑपरेटिव बैंक में हुई धोखाधड़ी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भासुरंगन और उनके बेटे अखिलजीत जे.बी. को मंगलवार को गिरफ्तार किया।
इसमें कहा गया है कि भासुरंगन अध्यक्ष के रूप में बैंक के समग्र प्रभारी थे, जिन्होंने विभिन्न अनधिकृत ऋणों को मंजूरी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एजेंसी ने कहा कि उसने कंडाला सर्विस को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ तिरुवनंतपुरम के मारानल्लूर थाने में दर्ज विभिन्न प्राथमिकियों के आधार पर धन शोधन का मामला दर्ज किया है।
एजेंसी ने कहा, “ईडी की जांच में पाया गया कि बैंक के प्रबंधन में कई अनियमितताएं हैं। बैंक के शासी निकाय का नेतृत्व उसके अध्यक्ष भासुरंगन कर रहे थे। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि उपरोक्त अनियमितताओं में 57 करोड़ रुपये शामिल थे और इसके कारण बैंक को बड़े पैमाने पर संपत्ति की हानि हुई।”
केंद्रीय एजेंसी ने यह भी पाया कि कंडाला सर्विस को-ऑपरेटिव बैंक ने मारानल्लूर क्षीरा व्यवसाय संगम लिमिटेड को 2.04 करोड़ रुपये का ऋण दिया था, क्योंकि भासुरंगन उस सोसायटी के मामलों का प्रबंधन भी कर रहे थे।
ईडी ने कहा, “आगे यह पाया गया कि उनके परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को एक ही संपत्ति गिरवी रखकर धोखाधड़ी से कई करोड़ रुपये के कई ऋण दिए गए थे। यह भी पाया गया कि कंडाला सर्विस को-ऑपरेटिव बैंक ने अध्यक्ष पद पर रहते हुए भासुरंगन के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के पास लंबे समय से बकाया ऋणों के संबंध में कोई वसूली कार्यवाही शुरू नहीं की थी।“
ईडी ने कहा कि भासुरंगन और अखिलजीत को केरल के एर्नाकुलम में विशेष न्यायाधीश के सामने पेश किया गया और उन्हें तीन दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया गया।