रियो डी जनेरियो: ब्राजील के रियो डी जनेरियो में रविवार को आयोजित 17वें BRICS सम्मेलन में सदस्य देशों ने एक संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले और इजराइल द्वारा ईरान पर किए गए हमलों की निंदा की गई। इससे पहले, 1 जुलाई को QUAD देशों (भारत, अमेरिका, जापान, और ऑस्ट्रेलिया) ने भी पहलगाम हमले की निंदा की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह हमला सिर्फ भारत पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर हमला है और आतंकवाद के खिलाफ हमारी स्थिति सिद्धांतों पर आधारित होनी चाहिए।
मोदी ने वैश्विक संस्थाओं की कमियों पर भी चिंता जताई, और कहा कि 20वीं सदी की संस्थाएं अब 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने में असमर्थ हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आज ए.आई. तकनीक हर हफ्ते अपडेट हो रही है, लेकिन वैश्विक संस्थाएं 80 साल से भी पुरानी हैं।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने BRICS से जुड़ने की इच्छा रखने वाले देशों को 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि जो देश BRICS की नीतियों से सहमति व्यक्त करेंगे, उन पर कोई छूट नहीं मिलेगी। BRICS घोषणापत्र में बढ़ते टैरिफ पर चिंता व्यक्त की गई, हालांकि अमेरिका का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने BRICS के विविधता को उसकी असली ताकत बताया और न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) से समझदारी से निवेश करने की अपील की। उन्होंने BRICS रिसर्च सेंटर स्थापित करने का सुझाव दिया, जहां सभी सदस्य देश मिलकर विज्ञान और तकनीकी शोध पर काम कर सकें।
उन्होंने यह भी कहा कि कोई देश प्राकृतिक संसाधनों का गलत उपयोग नहीं कर सकता और डिजिटल जानकारी की सुरक्षा की अहमियत पर जोर दिया। भारत में जल्द ही एक AI इम्पैक्ट समिट आयोजित करने की घोषणा भी की, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की चुनौतियों और इसके सही उपयोग पर चर्चा होगी।
BRICS से जुड़ने पर ट्रम्प की धमकी के बीच, सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने एक नई वैश्विक व्यवस्था की जरूरत पर जोर दिया, जिसमें तकनीकी विकास, डिजिटल सुरक्षा और न्यायपूर्ण संसाधन वितरण को प्राथमिकता दी जाए।