भारत के ब्रह्मोस हमलों से पहले ही पाकिस्तान को नहीं मिली तैयारी का मौका: शहबाज़ शरीफ

By : hashtagu, Last Updated : May 30, 2025 | 11:38 am

नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने एक बार फिर सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि 9 और 10 मई की रात भारतीय ब्रह्मोस मिसाइलों ने पाकिस्तान के अंदर कई ठिकानों को निशाना बनाया, जिससे उनकी सेना पूरी तरह से चौंक गई। शरीफ ने बताया कि वे सुबह 4:30 बजे फज्र की नमाज़ के बाद भारत पर जवाबी हमला करने की योजना बना चुके थे, लेकिन उससे पहले ही भारत ने कई मिसाइलें दाग दीं, जिनमें रावलपिंडी हवाई अड्डा भी निशाने पर रहा।

“हमारी सेनाएं सुबह 4:30 बजे कार्रवाई के लिए तैयार थीं, लेकिन भारत ने उससे पहले ही ब्रह्मोस मिसाइलें दाग दीं और पाकिस्तान के कई प्रांतों को निशाना बनाया,” शरीफ ने अज़रबैजान में दिए एक भाषण में कहा।

भारत द्वारा यह कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत की गई थी, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले (जिसमें 26 लोगों की जान गई) के जवाब में आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाने के लिए शुरू किया गया था।

पहले भी कर चुके हैं हमलों की पुष्टि

इससे पहले इसी महीने, शरीफ ने इस बात की पुष्टि की थी कि भारतीय बैलिस्टिक मिसाइलें 10 मई की सुबह नूर खान एयरबेस और अन्य ठिकानों पर गिरी थीं। इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बताया कि रात 2:30 बजे उन्हें सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर का कॉल आया था जिसमें भारत के मिसाइल हमले की जानकारी दी गई थी।

“रात करीब 2:30 बजे जनरल मुनीर ने एक सुरक्षित लाइन पर कॉल करके बताया कि भारत ने मिसाइलें दाग दी हैं। एक मिसाइल नूर खान एयरबेस पर गिरी है और कुछ अन्य जगहों पर भी,” शरीफ ने कहा।

भारतीय हमलों के नतीजे और जवाबी कार्रवाई

सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत के इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज़्बुल मुजाहिदीन से जुड़े लगभग 100 आतंकवादी मारे गए। भारत ने पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में कुल 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया – पाकिस्तान में बहावलपुर, मुरीदके, सरजल, मेहमूना जोया, और पीओके में सवाई नाला, सैयदना बिलाल, गुलपुर, बरनाला और अब्बास।

इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारतीय नागरिक इलाकों पर ड्रोन हमले किए। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के भीतर गहरे सैन्य ठिकानों जैसे रडार इंस्टॉलेशन, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर और गोला-बारूद डिपो (रफीकी, चकलाला, रहिम यार खान, सुक्कुर और सियालकोट) को निशाना बनाया।

संघर्षविराम पर सहमति, लेकिन उल्लंघन भी

10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच जमीन, हवा और समुद्र में सभी सैन्य कार्रवाई को रोकने का समझौता हुआ। हालांकि, पाकिस्तान ने कुछ घंटों के भीतर ही इस समझौते का उल्लंघन किया। इसके बावजूद, भारतीय सेना ने पुष्टि की कि दोनों देशों के बीच संघर्षविराम जारी रहेगा और इसकी कोई समयसीमा नहीं होगी।

पाकिस्तान बातचीत को तैयार, भारत का कड़ा रुख


हाल ही में शरीफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान भारत से कश्मीर, जल बंटवारा और व्यापार जैसे पुराने मुद्दों पर समाधान के लिए बातचीत को तैयार है। लेकिन भारत ने स्पष्ट किया है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने कहा, “हम एक बार फिर दोहराते हैं कि आतंकवाद और बातचीत साथ नहीं चल सकते। हमारी स्थिति साफ है – कोई भी बातचीत द्विपक्षीय होनी चाहिए और पाकिस्तान को उन आतंकवादियों को भारत को सौंपना होगा जिनकी सूची हमने पहले ही उन्हें दी हुई है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि “जम्मू-कश्मीर पर कोई बातचीत तभी होगी जब पाकिस्तान पीओके खाली करके भारत को सौंपेगा।”
साथ ही, सिंधु जल संधि को लेकर भी भारत का रुख सख्त है – यह तभी बहाल होगी जब पाकिस्तान आतंकवाद को पूर्ण रूप से और स्थायी रूप से त्याग दे।