इस्लामाबाद, 11 जनवरी, (आईएएनएस) । अफगानिस्तान ने मुस्लिम लड़कियों (Afghanistan muslim girls) की शिक्षा पर पाकिस्तान में आयोजित वैश्विक शिखर सम्मेलन (Global summit held in Pakistan) में भाग लेने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तान के शिक्षा मंत्री खालिद मकबूल सिद्दीकी ने यह जानकारी दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिद्दीकी ने कहा, ‘अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन कोई नहीं आया।’ इस शिखर सम्मेलन में मुस्लिम बहुल देशों के शिक्षा नेता शामिल हुए हैं। हालांकि पाकिस्तान के पड़ोसी ने इसका विरोध किया।
अफगानिस्तान में लड़कियों के स्कूल जाने पर प्रतिबंध है। 2021 में जब से तालिबान ने अफ़गानिस्तान पर फिर से कब्ज़ा किया है, तब से उसकी सरकार ने लड़कियों को छठी कक्षा से आगे की शिक्षा से वंचित कर दिया है। उन्होंने महिलाओं को कई नौकरियों और अधिकांश सार्वजनिक स्थानों पर जाने से भी रोक दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ‘मुस्लिम समाज में लड़कियों की शिक्षा: चुनौतियां और अवसर’ शीर्षक से आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मुस्लिम देशों में लड़कियों की शिक्षा को प्राथमिकता देने की तत्काल जरुरत पर जोर दिया और इसे इस समय की सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक बताया।
शरीफ ने कहा कि लड़कियों को शिक्षा से वंचित करना उनकी आवाज और उनकी पसंद को नकारने के समान है।
शरीफ ने कहा, “पाकिस्तान समेत मुस्लिम दुनिया को लड़कियों के लिए शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। लड़कियों को शिक्षा से वंचित करना उनकी आवाज और उनकी पसंद को नकारने के बराबर है, साथ ही उन्हें उज्ज्वल भविष्य के उनके अधिकार से वंचित करना है।”
शिखर सम्मेलन में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई भी भाग ले रही हैं, जिन्हें 2012 में टीटीपी आतंकवादियों ने गोली मार दी थी।