नई दिल्ली, 9 जुलाई (आईएएनएस)। ब्रिटिश सांसद हेनरी स्मिथ और हाउस ऑफ लॉर्ड्स तथा हाउस ऑफ कॉमन्स के 85 से अधिक अन्य संसद सदस्यों, और प्रसिद्ध हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लुप्तप्राय एशियाई हाथियों (Asian Elephants) की सुरक्षा और भारत में मानव-पशु संघर्ष को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव कदम उठाने का आग्रह किया है।
भारत में पिछले 10 वर्षों में लगभग 1,200 हाथियों की मौत हो गई है – जिनमें से अकेले ओडिशा में पिछले तीन वर्षों में 245 हाथियों की मौत हो गई है – इन हाथियों का अस्तित्व गंभीर खतरे में हैं। वर्तमान में देश में केवल 27,000 हाथी ही बचे हैं।
टोरी सांसद हेनरी स्मिथ द्वारा शुरू किए गए पत्र में कहा गया है, “हम विनम्रतापूर्वक भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह भारत के हाथियों की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करें, और कठोर दंड का प्रावधान करें ताकि लुप्तप्राय हाथियों की संवेदनहीन हत्याओं को रोका जा सके।”
ब्रिटिश संसद में अपने बड़प्पन के लिए शिकार और पशु संरक्षण से संबंधित दो ऐतिहासिक विधेयकों की भारी सफलता के बाद टोरी सांसद हेनरी स्मिथ अब लुप्तप्राय एशियाई हाथियों को उनके आखिरी गढ़ में बचाने के लिए प्रयासरत हैं।
पत्र में कहा गया है, “हाथियों को जहर दिया जा रहा है, बिजली के झटके दिए जा रहे हैं, अवैध और क्रूर तरीकों का इस्तेमाल कर उन्हें भगाया जा रहा है, जैसे कि आग के गोले के साथ भाले फेंकना। यहां तक कि उनसे छुटकारा पाने के लिए उन पर गोली भी चलाई जा रही है, जबकि शिकारी वन्यजीवों को लुभाने और उन्हें फंसाने के लिए जंगल में आग लगा रहे हैं।” यह पत्र पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, भूपेन्द्र यादव को भी संबोधित है।
पत्र के प्रमुख हस्ताक्षरकर्ताओं में हाउस ऑफ लॉर्ड्स और कॉमन्स के कई भारतीय मूल के सदस्य शामिल हैं – जैसे पूर्व गृह सचिव प्रीति पटेल, लॉर्ड ढोलकिया, बैरोनेस पराशर और लॉर्ड सिक्का, साथ ही स्टार ट्रेक श्रृंखला के हॉलीवुड दिग्गज विलियम शेटनर और प्रसिद्ध यूके अभिनेता रुला लेन्स्का और पीटर ईगन।
कंजर्वेटिव सांसद ने कहा कि इस लुप्तप्राय विशालकाय शाकाहारी जीव की रक्षा करना न केवल भारत के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बल्कि दुनिया भर के देशों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है।
यह पत्र प्रसिद्ध भारतीय-कनाडाई हाथी संरक्षणवादी, जीवविज्ञानी और नारी शक्ति पुरस्कार प्राप्तकर्ता संगीता अय्यर के ब्रिटेन की संसद में एक प्रस्तुति में हाथियों की मौत की खतरनाक संख्या पर प्रकाश डालने के कुछ ही दिनों बाद आया है।
वह बताती हैं, चूंकि हाथी जैव विविधता को बनाए रखने और जलवायु परिवर्तन रोकने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उनका मूल्य भारत से कहीं आगे तक फैला हुआ है।
अय्यर ने कहा, “भारत में हाथियों के साथ जो होगा उसका पूरी धरती पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। हमें सभी विश्व नेताओं को एक साथ आने की जरूरत है ताकि भारतीय अधिकारियों से आग्रह किया जाए कि वे बिजली के झटके, अवैध शिकार और निवास स्थान के नुकसान के कारण हाथियों की मौतों की चिंताजनक संख्या के मद्देनजर तत्काल कार्रवाई करें। साथ ही अन्य बढ़ते खतरों को भी रोका जा सकता है।”
रेल मंत्रालय के 2022 के आंकड़ों के अनुसार, 2019 से 2021 तक देश में रेलवे ट्रैक पर कुल 45 हाथी मारे गए।
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर के अनुसार, एशियाई हाथी एक लुप्तप्राय प्रजाति है। पूरे ग्रह पर केवल 40,000 एशियाई हाथी बचे हैं जिनमें भारत में 27,000 हैं।
भारत में दुनिया की सबसे अधिक 141 करोड़ मानव आबादी भी है। बढ़ती जनसंख्या को बनाए रखने के लिए, रेलवे, सड़क मार्ग और खनन जैसे बुनियादी ढांचे के विकास में नाटकीय रूप से वृद्धि हो रही है।
कई पुरस्कार विजेता वन्यजीव फिल्म निर्माता, लेखक और वॉयस फॉर एशियन एलिफेंट्स सोसाइटी की संस्थापक, अय्यर अब समर्थन हासिल करने और पीएम मोदी से तत्काल और निर्णायक रूप से कार्य करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समूह में शामिल होने के लिए अन्य विश्व नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं।