नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में नक्सलवाद(Naxalism in Abujhmad) के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है। नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में सूत्रों के मुताबिक 30 नक्सली मारे गए। जवानों ने सभी नक्सलियों के शव बरामद कर लिए हैं। इस मुठभेड़ में नक्सली लीडर बसव राजू (Naxalite leader Basava Raju)भी मारा गया. उसके ऊपर 5 राज्यों झारखंड, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ को मिलाकर 5 करोड़ का इनाम घोषित था।
जानकारी के मुताबिक, बसव राजू नक्सल संगठन का जनरल सेक्रेटरी था. वह कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दे चुका था. 2010 के दंतेवाड़ा हमले में 75 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे। इसमें भी बसव राजू का ही हाथ था।
जानकारी के मुताबिक बसव राजू आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम का रहने वाला था. उसने बीटेक की पढ़ाई की थी. 1970 में उसने घर छोड़ दिया और माओवादी संगठन के साथ जुड़ गया. इस दौरान उसने 1987 में बस्तर के जंगल में लगे लिट्टे के कैंप में बम बनाने और एंबुश की ट्रेनिंग भी ली थी. राजू को बम बनाने का एक्सपर्ट माना जाता था. 2018 में उसे नक्सल संगठन की कमान सौंपी गई थी. बसवा राजू का असली नाम नंबाला केशव राव है. उसे गगन्ना, प्रकाश और बीआर के नाम से भी जाना जाता है. उसकी उम्र करीब 75 साल के आसपास बताई जा रही है. बसवा राजू खूंखार नक्सली था. वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का सीनियर कैडर था और दक्षिण बस्तर डिवीजनल कमेटी का चीफ था. वह छत्तीसगढ़, ओडिशा से लेकर आंध्रप्रदेश की सीमाओं पर सक्रिय था।
नक्सली बसव राजू ने गुरिल्ला युद्ध में महारथ हासिल किया था. वह कई नक्सली हमलों को अंजाम दे चुका था. इनमें पुलिसकर्मियों और नागरिकों की हत्या, खनन कंपनियों से उगाही और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना शामिल है. सुकमा और दंतेवाड़ा में सबसे बड़े नक्सली हमले में भी राजू शामिल था. 2010 के दंतेवाड़ा हमले में 75 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे. इसमें बसव राजू का ही हाथ था. आंध्रप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर भी जानलेवा हमले की घटना में वह शामिल था।
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