रायपुर । केंद्र सरकार की नक्सलवाद के खात्मे (Elimination of Naxalism) को लेकर चल रही रणनीति के अनुरूप अब नक्सलियों से निर्णायक लड़ाई तेज हो चुकी है। रणनीति के तहत राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में सीआरपीएफ के 3,200 जवानों की चार बटालियनों को भेजा जा रहा है। अब तक प्रदेश में CRPF की एक बटालियन यानी 800 जवानों को भेजा जा चुका है। हालांकि समाचार एजेंसी प्रेट्र के अनुसार 4,000 जवान छत्तीसगढ़ (4,000 soldiers Chhattisgarh) भेजे जाएंगे।
पिछले दिनों प्रदेश के दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रायपुर में कहा था कि नक्सलवाद से लड़ाई अब अंतिम चरण में है। 23 से 25 अगस्त 2024 तक रायपुर में हुई शाह की रणनीतिक बैठक के बाद इसका असर धरातल पर भी दिख रहा है। 10 दिन में 18 नक्सलियों को जवानों ने ढेर किया है। 29 अगस्त को नारायणपुर में तीन महिला नक्सली, तीन सितंबर को दंतेवाड़ा जिले में बैलाडीला की पहाड़ियों के भीतर नौ नक्सली मारे गए। अब तक आठ महीनों में 152 नक्सली मारे जा चुके हैं।
बताया जाता है कि झारखंड से तीन और बिहार से एक बटालियन वापस ले ली गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन दोनों राज्यों में नक्सली हिंसा की स्थिति में सुधार हुआ है और घटनाएं नगण्य हैं। इन बटालियनों का बेहतर उपयोग छत्तीसगढ़ में किया जा सकता है, जहां अब नक्सल विरोधी अभियान केंद्रित हैं। बस्तर में सीआरपीएफ की 159, 218, 214 और 22 नंबर बटालियन को तैनात किया जा रहा है।
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